भारत कोरोना महामारी के दूसरे लहर में पूरे विश्व का हॉटस्पॉट बन चुका है. पिछले हफ्ते तक भारत में हर रोज तीन लाख से ज्यादा मरीज मिल रहे थे. शुक्रवार को यह आंकड़ा 4 लाख के पार चला गया.
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इसी बीच कई विदेशी देशों ने भारत को मदद का भरोसा दिलाया है, जिनमें से एक भारत का पुराना मित्र रूस भी है.रूस ने भारत को रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V देने का वायदा किया था. रूसी वैक्सीन की पहली खेप शनिवार को भारत पहुंच गई.
इसे लेकर पहुंची विमान ने हैदराबाद में लैंड किया. गौरतलब है कि देश में अचानक ही कोरोना वैक्सीन की कमी हो गई थी, जिसके बाद केंद्र सरकार को विदेशी वैक्सीन के आयात को मंजूरी देनी पड़ी. वैक्सीन के प्रोडक्शन और प्रचार का काम रूसी डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) कंपनी देख रही है. इसके अलावा 1 मई से देशभर में 18 साल से ऊपर की आयु के लोगों के लिए भी कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हो गई है.
यानी की देश में कोरोना टीकाकरण का तीसरा फेज शुरू हो गया है. मगर कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए 1 मई से होने वाले वैक्सीनेशन प्रोग्राम को टाल दिया है.
मध्यप्रदेश, गोवा, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और कर्नाटक समेत पश्चिम बंगाल, दिल्ली, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश यानी 11 अन्य राज्यों ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम तय समय से शुरू करने से इनकार कर दिया है. देश में कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने युवाओं को मुफ्त में टीका लगाने की घोषणा की है.
इनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, गोवा, केरल, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, असम, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, लद्दाख, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब शामिल है. बचे हुए राज्यों में तय कीमतों के मुताबिक टीके लगाए जाएंगे.
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