छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में DSP अंजू कुमारी ने सरेंडर कर चुके नक्सली हिड़मा की कलाई में रक्षा की डोर बांधी हैं. उन्होंने हिड़मा से समाज की मुख्यधारा से ही जुड़कर और जनहित के काम करने का वचन लिया है. जांजगीर-चांपा की रहने वाली DSP अंजू की हाल ही में जिले में पोस्टिंग हुई है. अंजू ने हिड़मा से कहा कि अब हम दोनों भाई-बहन मिलकर देश सेवा करेंगे. ऐसा पहली बार है, जब किसी महिला पुलिस अफसर ने सरेंडर कर चुके नक्सली की कलाई में राखी बांध उसे अपना भाई बनाया है.
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DSP अंजू ने कहा कि मेरा एक ही सगा भाई है. पहली बार है जब रक्षाबंधन के मौके पर उससे दूर हूं, लेकिन दंतेवाड़ा में भी एक भाई मिल गया है. बताया कि पहली बार अपनी DRG टीम ने सबसे कम उम्र के कमांडो को देखा तो उसके बारे में पूछा. पता चला कि परिवार में कोई भी नहीं है. यह सुनकर बहुत पीड़ा हुई. ऐसे में तय किया कि इस बार मैं हिड़मा को राखी बांधूंगी. भाई- बहन का ये रिश्ता जीवन भर निभाऊंगी. रिश्ते कम बनाओ, लेकिन जो भी बनाओ जिंदगी भर निभाओ.
नक्सली हिड़मा भी बेहद खुश था.
उसने बताया कि 3 साल का था तब ही माता-पिता दोनों की मौत हो गई थी. इसके बाद मैं यहां- वहां भटकता रहा. 6 साल का था तो नक्सलियों ने अपने संगठन में शामिल कर लिया था, लेकिन अब सरेंडर के बाद मुझे अच्छा लग रहा है. आज पहली बार मेरी कलाई पर राखी सजी है. मुझे मेरा परिवार मिल गया है. मैं बहुत खुश हूं. DRG दंतेश्वरी फाइटर्स की कमांडो सुनैना पटेल ने बताया कि, लगभग 10 महीने पहले जब वे गोगुंडा इलाके में सर्चिंग पर निकले थे तो हिड़मा हमें देख भाग रहा था. इसके पहले उसने पटाखा फोड़ नक्सलियों को अलर्ट कर दिया था कि पुलिस टीम जंगल में घुस गई है. हमने घेराबंदी कर हिड़मा को पकड़ लिया. इसे अपने साथ दंतेवाड़ा लेकर आए। यहां सरेंडर कराया गया.
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