कोडरमा: थर्मल पावर प्लांट के 1600 मेगावाट एक्सटेंशन के लिए निर्माण शुरू होने के साथ ही जहां जहां भाजपा के दो विधायक अमित यादव और मनोज यादव के समर्थक वर्चस्व को लेकर आपस में ही भिड़ गए तो वहीं विस्थापित और प्रभावित परिवारों ने एक अलग मोर्चा खोल दिया है, जिसमें कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के 32 विस्थापित गांव के ग्रामीण शामिल है.


प्लांट के फोरलेन चौक पर रवि शंकर यादव की अगुवाई में इन 32 गांव के विस्थापित जुटे और प्लांट के एक्सटेंशन में विस्थापित और प्रभावित परिवारों को उचित स्थान देने की मांग की. विस्थापित और प्रभावितों को उनका हक और अधिकार मिले इसके लिए आंदोलन की रणनीति इस बैठक में तैयार की गई. विस्थापित नेता रवि शंकर यादव ने कहा कि 1000 मेगावाट की क्षमता वाले इस प्लांट के निर्माण काल से ही यहां के विस्थापित ठगे जा रहे हैं और विस्थापितों का यह हाल यहां के स्थानीय विधायक के कारण हुआ है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक अमित कुमार यादव इस क्षेत्र के विधायक नहीं है, बल्कि प्लांट के ठेकेदार हैं.
वहीं दूसरी तरफ अन्य विस्थापितों ने कहा कि अब प्लांट प्रबंधन डीवीसी के साथ आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी और विस्थापितों को उनका हक अधिकार दिलाने के लिए जो कुछ भी करना पड़ेगा, वे लोग करेंगे. गौरतलब है कि कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में 1600 मेगावाट एक्टेंसन के साथ ही राजनीतिक गर्म हो गई हैं और प्लांट में निर्माण कार्य को लेकर वर्चस्व की लड़ाई देखी जा रही हैं. पहले विधायक अमित यादव और जानकी यादव के बाद बरही विधायक मनोज यादव के बाद अब विस्थापित मोर्चा वर्चस्व के मैदान में कूद चुके हैं.
