खूंटपानी:;प्रखंड स्थित संकुल संसाधन केंद्र में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना (एमडीएम) एवं समग्र शिक्षा अभियान वर्ष 2021- 22 को लेकर प्रखंड स्तरीय सामाजिक अंकेक्षण के तहत जनसुनवाई का आयोजन किया गया. जिसमें कुचाई प्रखंड के विभिन्न 19 स्कूलों को दजर्नों मामलों का सामाजिक अंकेक्षण कर प्रखंड स्तरीय जन सुनवाई की गई.
खूंटपानी प्रमुख सिद्वार्थ होनहागा, लोकपाल के मनरेगा सीएसओ अनुराभ कर, डीआरपी सोशल ऑडिट के प्रतिनिधि कंडे उर्फ बिरसा तीय, एसएचजी प्रतिनिधि रीना कंडेयंग के द्वारा इस जनसुनवाई में खूंटपानी कस्तूरबा में इंग्लिश, ज्योग्राफी, हिस्ट्री एवं पॉलिटिकल साइंस के शिक्षक न होने के मामले को एक सप्ताह के अंदर काम से काम कक्षा 9 से 12 वीं कक्षा के एक शिक्षक हेतु प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया, अन्यथा इस विषय में एक भी बच्ची फेल होते है. तो इसकी जिम्मेदारी वार्डेन एवं सहायक लेखापाल की होगी. बेड की कमी के संबंध में वार्डन द्वारा बताया गया कि सम्बन्धित विभाग को पत्राचार की गई है. शिक्षकों को मानदेय कम मिलने का मुद्दा भी उठा जिसमें अंशकालिक एवं घंटी आधारित शिक्षकों ने लिखित शिकायत दिया था कि विभाग द्वारा निर्धारित मानदेय में 2016 से ही कटौती करके दिया जा रहा है. संबंधित शिकायतकर्ताओं ने उपस्थिति दर्ज कर मामले को पुष्टि कराया और सब एक स्वर में स्वीकार किया कि 2016 से 2021 तक सिर्फ 5000 एवं 2021 से 2023 तक 6000 दिया जा रहा था. विभागीय आदेश के अनुसार शिक्षिका सुप्रिया समड को 478200, लक्ष्मी सवैया को 481600, अलविना सिंकू को 481600, मरियम लागुरी को 354000, दसमती सुडी को 411600, तथा सविता सुडी को 54600 रूपये बकाया होने का दावा पेश किया. वार्डेन एवं सहायक लेखापाल ने आंशिक रूप से स्वीकार किया. परन्तु ये भी कहा कि ये मामला उनके कार्यकाल का नहीं है.
मजे की बात यह है जिस स्कूल में लोग 400 रूपया किलो का मुर्गा, 800 रूपया किलो का मटन तथा 400 रूपया किलो मछली खा सकते है. उस स्कूल में वर्षों से कार्यरत शिक्षित प्रशिक्षित शिक्षकों को देने हेतु आवंटन कि कमी बताई जा रही है. इसलिए सोशल ऑडिट की टीम ने 15 दिन के अंदर सभी शिक्षकों को बकाया देने का देने का आदेश दिया. बकाया नही देने की स्थिति में कानूनी कर्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी गई. निर्धारित घंटी से कम पीरियड पढाने देने का मुद्दा भी उठाया गया. बताया गया है शिक्षकों की कमी भी है. तो जाहिर सी बात है क्लास खाली- खाली जाता होगा. इस परिस्थिति में भी वार्डेन द्वारा चार घंटी प्रति कार्यदिवस न दे पाने की दुहाई दी जाती है. ऑडिट टीम ने उनके तर्क को ना मानते हुए डायरेक्टर जेईपीसी रांची द्वारा दिए गए निर्देश के अलोक में ही प्रति कार्य दिवस सभी शिक्षकों को चार- चार घंटी देने का आदेश दिया. ऐसा नहीं करने पर भारतीय दंड संहिता के सुसंगत धाराओं के अनुसार कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए चेतावनी दिया. क्योंकि इससे बच्चों को ज्यादा सीखने का अवसर मिलेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी. इसके अलावे आदर्श मिडिल स्कूल लोटा में किचन में पानी की व्यवस्था न होना, लॉकडाउन के दरम्यान कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के कुल नामांकन 181 बच्चों को 209 दिन कार्यकाल का प्रति पूर्ति भत्ता दिया गया. उनमें से सिर्फ 28 बच्चों को 20 दिन की ग्रीष्म आकाश कुकिंग कास्ट की राशि भी दिया गया. जबकि 153 को नही दिया गया है. प्रति बच्चा 149 रूपया करके 153 बच्चे का कुल 22,797 रुपया बच्चों को नहीं दिया गया. जो कि विभागीय निर्देश में शामिल था. इसी तरह का मुद्दे सात स्कूलों में पाया गया. इसमें बीआरसी एवं प्रभारी एचएम द्वारा दस्तावेज देते हुए बताया गया कि राशि उतना ही उपलब्ध कराया गया है. बाकि बच्चों के लिए भी मांग पत्र वरीय पदाधिकारी को देना चाहिए था. इस पर कुछ पहल नही किया गया. जबाब से संतुष्ट न होकर इसे अति गंभीर मुद्दा मानते हुए इसे जिला जनसुनवाई अग्रसारित कर दिया गया. मध्यान भोजन के समय बच्चों को बैठने के लिए दरी ना होना पांच स्कूलों में मुद्दे, खाना पकाते समय रसोई का बाल ना डकना तीन मद्दे, समुचित बर्तन ना होने चार स्कूलों में मुद्दे, दिवार लेखन न करने की चार स्कूलों में मुद्दे, दस्तावेज नहा संधारण करने की सात स्कूलों में मुद्दे पाया गया था. पांच स्कूलों के प्रभारी व प्रधानाध्यापक ने जो जो मुद्दे उठाये गए थे. उसके पश्चात ही उसे ठीक कर लिए और उसका साक्ष्य भी प्रस्तुत किया। इस जनसुनवाई में बीईईओ तपन कुमार सतपति, बीपीओ पवन कुमार सिंह एवं कंप्यूटर ओपरेटर संजीव कुमार सिन्हा सहित विभिन्न स्कूलो के शिक्षक, वार्डन व अन्य उपस्थित थें.