खरसावां : खरसावां प्रखंड संसाधन केन्द्र में शनिवार को जिला शिक्षा अधीक्षक सह अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देश पर प्रखंड शिक्षा प्रसार अधिकारी वसुंधरा दास की अध्यक्षता में समावेशी शिक्षा के अंतर्गत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता और आंगनबाड़ी सेविकाओ का उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उदघाटन करते हुए वसुंधरा दास ने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा देना हमारी जिम्मेवारी है. कार्यक्रम में बच्चों में विभिन्न प्रकार के दिव्यांगता की पहचान करने की जानकारी दी गई. इसके अलावा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शैक्षणिक व चिकित्सीय आवश्यकता व उसका महत्व पर प्रकाश डाला गया.
विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ने की जरूरत व वर्तमान परिपेक्ष में दिव्यांग बच्चों के गृह आधारित शिक्षा का महत्व बताए गए. उन्होने कहा कि दिव्यांग बच्चो के खाने-पीने, उठने-बैठने जैसे सामाजिक व्यवहार में सीख जाते है. तो उनके स्तर का पढ़ाई हो जाता है. ऐसे बच्चों का पढे़ने बोल कर उनका नामांकन नहीं लेना अमानवीय प्राकृती है. कार्यशाला में प्रशिक्षक की भूमिका निभाते हुए शिक्षक शैलेश तिवारी, मुकेश सारंगी, रिसोर्स शिक्षिका सुमित्रा महतो, फिजियोथेरेपिस्ट दयाल लेट ने सभी दिव्यांग बच्चों को विद्यालय का वातावरण सरल एवं सुगम बनाने की बात कही.
उन्होने दिव्यांगता अधिकार अधिनियम 2016 के तहत दिव्यांगता के 21 प्रकारों के लक्षणों के बारे में बताया. उनके लिए विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक जरूरतों की जानकारी दी. साथ ही विद्यालयों में रेम्प, टॉयलेट, स्कॉट, ट्रांसपोर्ट, दिव्यांगता, छात्रवृत्ति, दिव्यांगता का प्रमाण पत्र सहायक उपकरण आदि पर विस्तार से जानकारी दी गई. इस कार्यशाला में मुख्य रूप से बीईईओ वसुंधरा दास, बीपीओ पंकज कुमार महतो, शिक्षक शैलेश तिवारी, मुकेश सारंगी, रिसोर्स शिक्षिका सुमित्रा महतो, फिजियोथेरेपिस्ट दयाल लेट सहित विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता आंगनबाड़ी सेविका आदि उपस्थित थे.