खरसावां/ Ajay Kumar पथ निरीक्षण भवन में सोमवार को झारखंड आंदोलनकारी स्व. बिनोद बिहारी महतो की 101 वीं जयंती मनाई गई. समाज के लोगों ने स्व विनोद बिहारी महतो के तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. बता दे कि विनोद बिहारी महतो का जन्म 23 सितंबर 1923 को धनबाद के बालीपुर प्रखंड के बड़ादाहा गांव में एक कुड़मी महतो के परिवार में हुआ था.
उन्होंने 4 फरवरी 1973 को अलग झारखंड राज्य निर्माण के लिए दिशोम गुरु शिबू सोरेन व प्रसिद्ध मजदूर नेता एके राय, टेकलाल महतो आदि के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया और अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन कर इसे मुकाम तक पहुंचा. झारखंड आंदोलन के प्रणेता विनोद बिहारी महतो उर्फ बाबू किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. वह अलग राज्य के आंदोलन का अलख जागने वालों में प्रमुख चेहरा रहे. आंदोलन के लिए उन्होंने कलम को हथियार बनाने की बात कही. उनका नारा ही था, पढ़ो लड़ो और आगे बढ़ो. इसके साथ उन्होंने सामाजिक- कुरीतियों के अलावा महाजनी शोषण का भी तीव्र विरोध कर आंदोलन चलाया. यही कारण है कि धनबाद और उसके आसपास के जिलों के ग्रामीण जागरूक हुए. मौके पर विजय महतो, राजाराम महतो, राजू महतो, रमेश महतो, दिलीप चांद महतो, संजय महतो, मनबोद्ध महतो आदि उपस्थित थे.