कुचाई/ Ajay Kumar पुतुलपीड़ गांव में वार्षिक मागे नृत्य का आयोजन किया गया. मौके पर गांव के लोग एकत्रित हो कर गांव के जाहरेथान (देशाउली) में पूजा- अर्चना की. इसके बाद मांदर व नगाडे की थाप पर मागे गीतों में लय मिलाते हुए नृत्य किया.
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पुतुलपीड़ में आयोजित मागे नृत्य में शामिल होने के लिये सोमवार को स्थानीय विधायक दशरथ गागराई अपनी पत्नी बासंती गागराई के साथ पहुंचे. विधायक दशरथ गागराई ने मांदर व नगाडे पर थाप देते नृत्य किया. इस दौरान हो भाषा में मागे गीत भी गाये गये. मौके पर विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि मागे पर्व सृजन का पर्व है. मागे पर्व हमारी परंपरा व संस्कृति से जुड़ा हुआ है. परंपरा व संस्कृति ही हमारी पहचान है. इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है. यह पर्व आपसी भाईचारा बनाये रखने तथा एक- दूसरे को सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मौके पर काफी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे.
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