खरसावां: थाना परिसर में गुरुवार को अफीम की अवैध खेती एवं विक्रय निषेध संबंधित जागरूकता अभियान के तहत पुलिस पदाधिकारियों ने क्षेत्र के ग्राम प्रधान, जन प्रतिनिधि ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में क्षेत्रीय मुंडारी, हो, ओड़िया एवं संथाली भाषा में लोगों को अफ़ीम का दुष्प्रभाव एवं कानूनी कारवाई के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि अफीम की खेती कानूनन व सामाजिक अपराध है. इससे समाज को भी नुकसान हो रहा है.

क्षणिक लाभ के लिए कानून का उल्लंघन न करें ग्रामीण: एसडीओ
मौके पर एसडीओ सदानंद महतो ने कहा कि क्षणिक लाभ के लिये विधि विरुद्ध कार्यों में संलिप्त न हो. अपने गांव के पास के पास में हो रहे अफीम की खेती को नष्ट कर दें. अफीम की खेती में संलिप्त रहने वालों पर कार्रवाई होगी. रबी, सब्जी या वैकल्पिक खेती के लिये किसानों को सहयोग करने का भी भरोसा दिया.
ग्रामीण खुद करें नष्ट या होगी गिरफ्तारी: एसडीपीओ
सरायकेला एसडीपीओ समीर सवैया ने कहा कि जहां भी अफीम की खेती हो रही है, वहां के ग्रामीण स्वयं नष्ट कर दें. अन्यथा पुलिस अफीम की खेती को नष्ट करने के साथ- साथ गिरफतारी की कार्रवाई भी करेगी. अफीम की खेती या बिक्री करने वालों के खिलाफ एनडीपीएस के तहत कार्रवाई की जायेगी. इसमें कड़ी सजा का प्रावधान भी है.
ये रहे मौजूद
बैठक में सरायकेला के एसडीओ सदानंद महतो, एसडीपीओ समीर कुमार सवैया, इंसपेंक्टर एसपी गुप्ता, खरसावां बीडीओ प्रधान माझी, सीओ कप्तान सिंकु, थाना प्रभारी गौरव कुमार, आमदा ओपी प्रभारी रमन विश्वकर्मा, एसएसबी 26 बटालियन के अधिकारी मौजूद रहे.
यह लिया गया निर्णय
बैठक में हरिभंजा, बिटापुर, रिडिग पंचायत के मुखिया, उपमुखिया, वार्ड मैम्बर समेत 30 गांव/ टोला के ग्राम प्रधान (मौजा मुंडा एवं टोला मुंडा) के लोग मौजूद रहे. स्थानीय लोग अपने गांव एवं उसके आसपास के क्षेत्रो में लगे अफ़ीम की खेती को स्वयं नष्ट करने का फैसला लिया एवं भविष्य में अफ़ीम के खेती नहीं करने का शपथ लिया.
