कपाली: शनिवार को कपाली में हुए एमडी रागिब आलम हत्याकांड के चश्मदीद अब्दुल रिजवान ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं. रिजवान के मुताबिक रागिब की हत्या के कुछ घंटे पूर्व अपराधकर्मी कपाली ओपी में थानेदार के साथ बैठा था. घटना के बाद से वह फरार है. रिजवान ने बताया कि शनिवार को घटना के वक्त वह रागिब के साथ ही था.
उसने बताया कि दो गुटों में झड़प हो रही थी. सिंटू और उसके दोस्त बच्चों की पिटाई कर रहे थे. रागिब ने जाकर छुड़ा दिया. जिसके बाद सिंटू के भाई चिंटू ने रागिब को गोली मार दी. इस दौरान नाजिर और जीशान के साथ उसके गिरोह के सदस्य मौजूद थे. उसने बताया कि चिंटू आपराधिक प्रवृत्ति का है और जमीन के कारोबार में संलिप्त है. कई बार उसने गोली चालन की घटना को अंजाम दिया है मगर पुलिस के सांठगांठ से हर बार वह छूट जाता है.
सुने क्या कहा रिजवान ने
बाईट
इधर कपाली ओपी क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. चप्पे- चप्पे पर पुलिस की तैनाती कर दी गयी है. रागिब हत्याकांड को लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है.
क्या है पूरा घटनाक्रम और क्यों बने ऐसे हालात जाने एक नजर में
शनिवार की शाम कपाली ओपी क्षेत्र के अलबेला गार्डन के समीप बच्चों के साथ मारपीट कर रहे सिंटू व अन्य युवकों को मृतक ने बीचबचाव कर छुड़ा दिया था. जिससे नाराज सिंटू के भाई चिंटू ने नाजिर, और जीशान के साथ रागिब आलम की हत्या कर दी. उसके बाद कपाली के लोगों का आक्रोश भड़क उठा. सभी कपाली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए ओपी के बाहर प्रदर्शन करने लगे. वैसे सबसे चिंता का विषय ये रहा कि घटना की जांच करने पहुंचे एसपी डॉ विमल कुमार को लोगों ने घंटों बंधक बनाइए रखा. देर रात करीब 1:30 बजे किसी तरह एसपी को एसडीपीओ चांडिल, डीएसपी हेडक्वार्टर, आदित्यपुर, चांडिल, नीमडीह, चौका, तिरुलडीह, ईचागढ़, आरआईटी, कांड्रा के थानेदारों ने किसी तरह लोगों के आक्रोश से बाहर निकाला. एसपी ने एसआईटी गठित कर हत्यारों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं. एसडीपीओ के नेतृत्व में गठित टीम में गठित एसआईटी में चांडिल के थानेदार दिनेश ठाकुर, तिरुलडीह के थानेदार चितरंजन कुमार, ईचागढ़ के थानेदार गौरव मिश्रा, चौका के थानेदार अविषेक प्रताप और आदित्यपुर में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार शामिल है.
आखिर क्यों फूटा लोगों का आक्रोश
दरअसल कपाली में इन दिनों अपराध के ग्राफ बढ़े हैं. एक हफ्ते के भीतर दूसरी हत्या से लोगों में आक्रोश व्याप्त है. लोगों ने बताया कि थानेदार संदीप, टाइगर मोबाइल के जवान विक्रम सिंह और नरेश यादव की वजह से क्षेत्र में अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं. हर तरह के अवैध काम बेरोकटोक जारी है. विक्रम सिंह का कपाली में पदस्थापन बार- बार होना कई सवालों को जन्म दे रहा है. थानेदार संदीप के संबंध में बताया जा रहा है कि क्षेत्र के सारे अवैध धंधों में विक्रम और नरेश यादव के कहने पर अपनी आंखें बंद कर लेते हैं. ब्राउन शुगर, गौ तस्करी, बालू, जमीन दलाली, अवैध शराब के कारोबारियों से विक्रम और नरेश यादव के संबंध हैं. इससे पूर्व विक्रम को लाइन हाजिर भी किया गया था, मगर अपनी पहुंच का लाभ उठाकर उसने फिर से कपाली में पोस्टिंग करा ली. शनिवार की हत्या जमीन कारोबार से जुड़े चिंटू, नाजिश और जीशान नामक युवकों द्वरा किए जाने की बात सामने आई है. युवक के संबंध में बताया जाता है कि वह काफी होनहार और मेहनती था. उसकी फॉरेस्ट विभाग में बहाली हुई थी वह जॉइन करनेवाला था.
जलने से बच गया कपाली, मगर खतरा टला नहीं एसडीपीओ कर रहे कैम्प
सूत्रों की माने तो जिस तरह का आक्रोश शनिवार की रात कपाली में देखने को मिला. खासकर एसपी के पहुंचने के बाद लोगों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया यदि समय रहते एसडीपीओ चांडिल, हेडक्वार्टर डीएसपी, आदित्यपुर सहित अन्य थानों की पुलिस नहीं पहुंचती तो एक एक बड़े घटना की तैयारी थी. सूत्र बताते हैं कि कुछ असामाजिक तत्व ओपी को फूंकने की तैयारी में थे. बताया जाता है कि बोतल बम से ओपी पर हमला करने की तैयारी थी. गनीमत रही कि समय रहते स्थिति की नज़ाकतता को पुलिस पदाधिकारियों ने भांप लिया और एसपी को न केवल सुरक्षित कपाली से बाहर निकाला, बल्कि किसी तरह लोगों को समझा- बुझकर शांत भी कराया. हालांकि मामला अब भी सुलग रहा है. रविवार को युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है. शव पहुंचने के बाद स्थिति बिगड़ सकती है. वैसे एसडीपीओ संजय कुमार सिंह कपाली में ही कैम्प कर रहे हैं. चप्पे- चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है. अब सवाल ये उठता है कि इतना होने के बाद भी एसपी ने कपाली के थानेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है जो कई सवालों को जन्म के रहा है.
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