कांड्रा Bipin varshney: कांड्रा में दिवाली के तीसरे दिन ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों एवं मूलवासीयों ने सोहराय व बंदना पर्व मनाया. पशुधन का त्यौहार सोहराय व बंदना पर कांड्रा में मूलवासियों द्वारा बैलों को नचा कर खुशी मनाया गया. रविवार को देर शाम कांड्रा बस्ती में बैल खूंटाव का आयोजन किया गया. जिसमें सर्वप्रथम गांव की महिलाओं ने बैलों की पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना की. तत्पश्चात बैलों को खूंटे में बांधकर मांदर की थाप पर खूब नचाया गया एवं गांव की महिलाओं और ग्रामीणों ने नाचगान कर खूब जश्न मनाया. जिसमें कांड्रा के किसानों ने प्रतियोगिता में भाग लिया.
गम्हरिया प्रखंड सहित विभिन्न गांवों में गोरू खूंटाव का आयोजन किया जा रहा है. गौरतलब है कि दिवाली के तीसरे दिन संथाल बहुल गांव में सोहराय तथा कुड़मी गांव में बंदना पर्व मनाया जा रहा है. जिसमें बैलों को खूंटा में बांध कर खूब नचाया जाता है. यह त्यौहार मुख्य रूप से पशुधन के लिए आयोजन किया जाता है, जिसमें पशुओं के सुख शांति के लिए पूजा की जाती है. वहीं इस दौरान किसानों के बीच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया एवं विजेताओं के बीच विजय महतो एवं होनीसिंह मुंडा ने पुरस्कार वितरण किया गया.