रांची: सूबे में सहारा इंडिया के भुगतान की धीमी गति को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. इस संबंध में सहारा के शीर्ष प्रबंधन ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है. बयान में कहा गया है कि भुगतान धीमी गति से हो रहा है, लेकिन यह पूरी तरह से रुका नहीं है. सहारा के कार्यालय से भुगतान बंद होने के बाद सरकारी CRCS पोर्टल से भुगतान शुरू हुआ है, जहां कई बाधाएं हैं.


ब्रांच बंद होने से वेरिफिकेशन में समस्या
बयान में यह भी कहा गया है कि राज्य में ब्रांच बंद होने से वेरिफिकेशन में समस्या आ गई है, जिससे भुगतान में देरी हो रही है. सहारा के शीर्ष प्रबंधन ने कहा कि वे सरकारी आदेश का पालन करते हुए कमियों को दूर करने में लगे हुए हैं.
ऑफिस स्टाफ की कमी और अन्य समस्याएं
बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि ऑफिस स्टाफ की कमी और अन्य समस्याएं भी भुगतान में देरी का कारण बन रही हैं. सहारा के शीर्ष प्रबंधन ने कहा कि वे इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. सहारा के स्टाफ वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में रात-दिन लगे हुए हैं. भुगतान सरकारी पोर्टल से ही जाना है, इसलिए इसको कराया जा रहा है. सहारा के शीर्ष प्रबंधन ने कहा कि यह प्रक्रिया कठिन है, लेकिन आगे सहारा- सेबी खाते में जमा राशि इसी माध्यम से जाएगी.
भविष्य में निकलेगा रास्ता
सहारा के शीर्ष प्रबंधन ने कहा कि भविष्य में सरकार और सहारा प्रबंधन के सहयोग से भुगतान का रास्ता निकलेगा. उन्होंने निवेशकों से भरोसा रखने का आग्रह किया है. सहारा के शीर्ष प्रबंधन ने कहा कि भुगतान होना ही है, और वे इसके लिए प्रयासरत हैं.
राज्य सरकार गंभीर नहीं
मालूम हो कि विधानसभा चुनाव के वक्त झामुमो ने अपने मेनिफेस्टो में सहारा के निवेशकों का भुगतान दिलाने की बात कही थी. चुनाव के बाद सत्ता में आते ही हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के सभी कार्यालयों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया. वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने एक टीम को सहकारिता मंत्रालय भेजकर अद्यतन रिपोर्ट तैयार कर भुगतान में आ रहे व्यवधान की जानकारी लेने की बात कही थी मगर ऐसा हुआ नहीं उल्टा राज्य के डीजीपी ने राज्य भर के सभी कार्यालयों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया जिससे भुगतान प्रभावित हो रहा है. तमाम बंदिशों के बाद भी सहारा प्रबंधन ने 31 जनवरी तक राज्य में 383 करोड़ का भुगतान किया है. प्रबंधन का दावा है कि यदि पाबंदी नहीं होती तो अबतक राज्य में 1000 करोड़ का भुगतान कर दिया गया होता.
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