नयी दिल्ली: झारखंड में पंचायत चुनाव में ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवारों को आरक्षण दिए जाने की मांग संबंधी याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.
इस मामले के याचिकाकर्ता आजसू सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अभिजीत मणि त्रिपाठी और अधिवक्ता राहुल कुमार ने पक्ष रखा. झारखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता प्रज्ञा बघेल शीर्ष अदालत की बेंच के समक्ष उपस्थित हुईं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब पंचायत चुनाव पर से संशय के बादल छंट चुके हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 25 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई हुई थी. तब तीन जजों की बेंच ने विस्तृत सुनवाई के लिए 4 मई की तारीख तय कर दी थी. सबसे पहले जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अभय एस ओका की अदालत ने इस मामले को सुना. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को तीन जजों के बेंच में स्थानांतरित कर दिया.
बता दें कि गिरिडीह के आजसू सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर झारखंड में पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देना सुनिश्चित किये जाने की मांग की है. उनकी ओर से दाखिल की गई याचिका में झारखंड सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बगैर पंचायत चुनाव चाहती है.