रांची: झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) नियमावली 2025 से मुंडारी भाषा को जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से हटाने के फैसले पर पूर्व मंत्री सह भाजपा के वरिष्ठ नेता नीलकंठ सिंह मुंडा ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने राज्यपाल को एक मांग पत्र सौंपकर मुंडारी भाषा को जेटेट परीक्षा में शामिल करने का अनुरोध किया है.


*मुंडारी भाषा का महत्व.*
नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि मुंडारी भाषा भगवान बिरसा मुंडा की भाषा है और इसे हटाना उनके और खूंटी के छात्रों के साथ अन्याय होगा. उन्होंने कहा कि मातृभाषा हमारी सांस्कृतिक पहचान और अस्मिता की नींव है और इसे मिटाना हमारी मां के अस्तित्व को मिटाने के समान है.
नीलकंठ सिंह मुंडा ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि जेटेट जैसी परीक्षा से स्थानीय भाषा को विलोपित किए जाने से स्थानीय छात्र-छात्राओं के मनोबल टूट रहे हैं. अतः छात्रहित को ध्यान में रखते हुए जेटेट की परीक्षा में मुंडारी भाषा को जोड़ा जाए, ताकि लाखों छात्र- छात्राओं का भविष्य उज्ज्वल हो सके.
*सरकार को चेतावनी.*
नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि यह निर्णय झामुमो- कांग्रेस- राजद गठबंधन सरकार को तुरंत वापस लेना होगा. अन्यथा, सरकार को खूंटी की धरती पर एक और उलगुलान का सामना करना पड़ेगा, जो तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकार की जड़ें हिलाकर रख देगा.
