झारखंड में सत्ता परिवर्तन का असर अबतक नजर नहीं आ रहा है. जिस उम्मीद और विश्वास से राज्य की जनता ने जनादेश वर्तमान सरकार के समर्थन में दिया अबतक सरकार उसपर खरा उतरने में नाकाम साबित रही है.
हां भला हो वैश्विक महामारी कोरोना का. जिसका हवाला देकर सरकार और जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं.
वैसे जनता का मूड कब बिगड़ेगा ये सरकार को अच्छी तरह पता है. यहां हम बात कर रहे हैं जमशेदपुर के जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र की. जहां की जनता ने बड़े उम्मीद से वर्तमान विधायक पर भरोसा जताया और पहली बार मंगल कालिंदी को विधानसभा भेजा.
मगर यहां की जनता को क्या मालूम विधायक बनने के बाद नेताजी गधे के सींग की तरह गायब हो जाएंगे ! ये नजारा है खखरीपाड़ा पंचायत से होकर गुजरने वाले स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के राइट कैनाल का. जो पिछले 3 सालों से अधूरा पड़ा है. इस पर डिवाइडर नहीं होने के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. सड़क की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है, कि इस पर हजारों लोग हर दिन जान हथेली पर लेकर पार करते हैं. दिन हो या रात हर वक्त इस मार्ग पर गाड़ियों का आवागमन जारी रहता है.
यह सड़क जमशेदपुर को सीधे जादूगोड़ा से जोड़ता है. इस मार्ग से होकर हर दिन दर्जनों गांवों के ग्रामीण नौकरी के लिए जमशेदपुर आते- जाते हैं. स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों को भी दी है, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है. इसके पीछे ग्रामीणों की बदनसीबी कहें या स्वर्णरेखा परियोजना की उदासीनता, या सरकार की नाकामयाबी. यह आप तय करें. बहरहाल ग्रामीण एक आदत सड़क की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जो जिम्मेदारी सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की है.
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