जमशेदपुर (Charanjeet Singh) न्यायलय ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है. बता दें कि 25 जून 2019 को घाघडीह केंद्रीय कारा में विचाराधीन कैदी मनोज सिंह की हत्या एवं सुमित सिंह की पिटाई मामले मे एडीजे 4 राजेंद्र सिन्हा की अदालत ने मामले में दोषी 15 अभियुक्तओं को फांसी की सजा सुनाई है.
मनोज सिंह दहेज़ प्रताड़ना मामले में 10 वर्ष की सजा काट रहे थे. और जेल के भीतर वर्चस्व कायम करने को लेकर 25 जून 2019 को उनकी पिटाई कर हत्या कर दी गई थी. वही सुमित सिंह नामक विचाराधीन कैदी की भी बुरी तरह पिटाई की गई थी. इस मामले मे उच्च न्यायलय के आदेश से इस मामले का त्वरित विचार करते हुए जिला एवं सत्र न्यायधीश 4 राजेंद्र सिन्हा की अदालत ने मामले मे संलिप्त 15 अभियुक्तओं को फांसी की सजा सुनाई है. वहीँ मामले मे संलिप्त 7 और अभियुक्तओं को 10 वर्षो की सजा सुनाई गई है. वही फैसला आने के बाद मनोज सिंह के पिता ने न्यायपालिका पर आस्था जताते हुए कहा अब उन्हें तसल्ली हुई है, उन्होंने बताया कि उनके 2 पुत्र थे एक पुत्र अपाहिज था, घर का कमाऊ सदस्य मनोज ही था, जिसे साजिश के तहत जेल के भीतर मरवा दिया गया. मगर न्यायपालिका पर उन्हें भरोसा था, बाकी चार अन्य पुलिसकर्मियों को भी सजा मिलनी चाहिए जो उनके पुत्र की हत्या में शामिल थे.
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