जमशेदपुर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को जमशेदपुर पहुंचे जहां. उन्होंने झारखंड आंदोलन के अग्रणी नायकों में शुमार शहीद निर्मल महतो के 36 वें शहादत दिवस पर स्वर्गीय महतो के उलियान स्थित समाधि स्थल पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें नमन किया.
इस मौके पर मंत्री चम्पाई सोरेन, बन्ना गुप्ता, जोबा मांझी, विधायक सविता महतो, समीर महंती, मंगल कालिंदी, रामदास सोरेन, मोहन कर्मकार आदि मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में शहीद निर्मल महतो के सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प दोहराया और कहा कि आदिवासी- मूल वासियों के कुर्बानियों से अलग झारखंड राज्य का सपना साकार हुआ है. निर्मल दा किसी खास जाति या संप्रदाय के नहीं बल्कि पूरे झारखंड के मसीहा थे. उन्हें किसी खास बंधन में बंधना सही नहीं होगा. जब तक झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड राज्य रहेगा तब तक निर्मल दा याद किए जाएंगे. उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और कहा 2019 में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद गठबंधन की सरकार बनी तब से लेकर 2 साल तक वैश्विक महामारी का दौर झेला, उसके बाद जब सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक पहुंचाने का काम शुरू किया गया तब विपक्ष के पेट में दर्द होने लगा और सरकार को अस्थिर करने का हर हथकंडा अपनाया जाने लगा, बावजूद इसके हमारी सरकार अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक विकास की योजनाएं पहुंचाने के प्रति कृत संकल्पित है. उन्होंने मणिपुर की घटना को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा वहां आदिवासियों की अस्मत लूटी जा रही है और केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे मूकदर्शक बनी हुई है. हमारी सरकार राज्य के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों तक विकास की योजनाएं पहुंचा रही है. पूर्ववर्ती सरकार अपनी झोली भरने का काम करती थी.
आज शासन के कार्यों में सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन का गठन होते ही भाजपाइयों को पीड़ा होने लगी है, मगर 2024 में इंडिया गठबंधन पूरी मजबूती के साथ भाजपा के खिलाफ मुकाबले में होगी और उन्हें सत्ता से दूर रखने में सफल होगी. उन्होंने कहा कि झारखंड बनने के बाद भाजपा ने कभी भी आंदोलनकारियों को चिन्हित कर उन्हें सम्मान देने का काम नहीं किया, मगर हमारी सरकार बनते ही राज्य के कोने- कोने से आंदोलनकारियों को चिन्हित कर उन्हें सम्मान देने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है, क्योंकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी तभी राज्य खुशहाल होगा. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निकले बहाली तो एक झांकी है अभी और भी बहाली निकलने वाली है, ताकि यहां के बेरोजगार युवक युवतियों को रोजगार मिले और यहां के आदिवासी मूलवासी खुशहाल हो सके.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज तक उनके द्वारा कोई वैकेंसी नहीं निकल गई. निकल भी गई तो केवल अपने लोगों को इसका लाभ दिया गया, मगर उनकी सरकार ने जो वैकेंसी निकाली है उससे सिर्फ और सिर्फ यहां के स्थानीय आदिवासी मूलवासियों को लाभ मिल सकेगा. इसके लिए कड़े कानून भी बनाए गए हैं.
इससे पूर्व मंच से मंत्री जोबा मांझी, मंत्री बना गुप्ता, विधायक सविता महतो, मंत्री चंपई सोरेन ने भी सभा को संबोधित किया और झारखंड के विकास को लेकर सरकार को प्रतिबद्ध बताया. साथ ही आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में विपक्ष से सावधान रहते हुए एक बार फिर से इंडिया महागठबंधन की सरकार बनाने में सहयोग करने की अपील की.