झारखण्ड सरकार द्वारा यह आदेश जारी किया गया है, कि मार्च 2022 तक सभी डीजल ऑटो को जमशेदपुर सिटी में चलने से प्रतिबंधित कर दिया
जाएगा. इस आदेश का झारखण्ड शिक्षित बेरोजगार ऑटो एसोसिएशन ने पुरजोर विरोध
करते हुए जमशेदपुर उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपते हुए झारखंड शिक्षित बेरोजगार ऑटो एसोसिएशन ने कहा, यदि यह आदेश लागू होता है, तो लाखों की संख्या में ऑटो चालक बेरोजगार हो जाएगें और उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी. एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष मंडल ने कहा हमारी मांग है कि जबतक इस समस्या का कोई वैकल्पिक निदान नहीं हो जाता है, तब तक डीजल ऑटो को चलाने की अनुमति प्रदान की जाय और विभिन्न चरणों में इसे लागू किया जाय. इस समस्या को सुलझाने के लिए झारखण्ड शिक्षित बेरोजगार ऑटो एसोसिएशन झारखण्ड सरकार को एक सुझाव देती है, कि ऑटो चालकों को वैकल्पिक ऑटो खरीदने के लिए सरकार की ओर से ऑटो की कीमत का 30 प्रतिशत अनुदान राशि प्रदान की जाय, 65 प्रतिशत की राशि ऋण के रुप में बैंकों से उपलब्ध कराया जाय.
शेष 5 प्रतिशत मार्जिन राशि का भुगतान ऑटो चालक द्वारा किया जाएगा. इस प्रकार सभी ऑटो चालक नया ऑटो खरीदने के लिए सक्षम हो जाएंगे और बेरोजगारी की समस्या का भी उचित निदान हो जाएगा. विदित हो कि पश्चिम बंगाल ने गतिधारा योजना के अन्तर्गत इसी प्रकार की योजना लाई है. इसी योजना के तहत झारखण्ड सरकार द्वारा भी एक योजना लायी जाए जिससे झारखण्ड में बेरोजगारी की समस्या भी कुछ हद तक दूर हो जाएगी और शहर में सीएनजी ऑटो चलने से प्रदूषण कम करने में भी काफी राहत मिलेगी. अतः महाशय से विनम्र अनुरोध है, कि उपरोक्त पश्चिम बंगाल की गतिधारा योजना को झारखण्ड में भी लागू किया जाय और तबतक डीजल ऑटो को चलाने की अनुमति प्रदान करें और चरणबद्ध तरीके से इस प्रतिबंध को लागू किया जाय.
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