आज देशभर में जहां क्रिसमस की धूम है वहीं देश पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का 97 वां जयंती मना रहा है. साथ ही झारखंड आंदोलन के नायक स्वर्गीय निर्मल महतो की भी आज 71 वीं जयंती है.

एक साथ दो- दो जननायकों की जयंती पर झारखंड के जमशेदपुर में दोनों जननायकों को श्रद्धांजलि देने सुबह से ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.
इसे महज संयोग कहें या नियति झारखंड आंदोलन के अग्रणी नायक रहे स्वर्गीय निर्मल दा की भी आज 71 वीं जयंती है और झारखंड अलग राज्य देनेवाले पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की भी 97 वीं जयंती है.
जमशेदपुर में भाजपाइयों ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती और स्वर्गीय निर्मल दा की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प लिया. जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने दोनों विभूतियों को नमन करते हुए कहा निर्मल दा ने जहां अलग झारखंड राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई ने अलग झारखंड राज्य देकर निर्मल दा के सपनों को साकार किया, वहीं उन्होंने वर्तमान सरकार की जमकर आलोचना करते हुए कहा की निर्मल दा के सपनों का झारखंड आज भी अधूरा है.
जिस सामंतवादी प्रथा के उन्मूलन के लिए निर्मल दा ने अपने प्राणों की आहुति दी, आज भी सामंतवादी प्रथाएं समाज में जीवित है, और अलग झारखंड राज्य का सपना अधूरा है. उधर भाजपाइयों ने केबुल क्लब में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री की याद में रक्तदान शिविर का आयोजन किया, जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिरकत की और मतदाताओं की हौसला अफजाई की.
