विज्ञापनराज्य में कोरोना के लगातार बढ़ते मामले को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने राज्य सरकार और सीएम हेमंत सोरेन पर जमकर निशाना साधा है. आपको बता दें, कि सोमवार को राज्य सरकार की ओर से सभी अखबारों के पहले पन्ने पर विज्ञापन दिया गया था. जिसमे दावा किया था, कि राज्य में 8 फैसले पहली बार लिए गए हैं. वहीं राज्य सरकार के विज्ञापन पर भाजपा प्रवक्ता ने राज्य सरकार को पूरी तरह से विफल बताया
. उन्होंने हाईकोर्ट की फटकार पर सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह भी राज्य में पहली बार हुआ है. राज्य में स्वास्थ्य इमरजेंसी जैसे हालात पहली बार हुई है. प्रदेश प्रवक्ता ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब कोरोना का पहला दौर थोड़ा धीमा हुआ उस वक्त सरकार गाड़ियां खरीदने और रैलियों में व्यस्त रही. ऐसा पहली बार हुआ जब पूरा राज्य कोरोना की चपेट में आ चुका है. तब राज्य के मंत्री स्वास्थ्य उपकरण और स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाए जाने को लेकर बैठक कर रहे हैं. ऐसा पहली बार हुआ है, जब सभी राज्य अपनी आधारभूत संरचना मजबूत करने में जुटी हुई थी, उस वक्त झारखंड सरकार चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई थी।
ऐसा पहली बार हुआ है, कि राजधानी रांची के अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो चुका है. ऐसा पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए गए पैसे दानदाता वापस मांग रहे हैं. कोविड-19 को लेकर राज्य स्तरीय हेल्पलाइन बंद है. ट्विटर अकाउंट जुलाई में अंतिम बार अपडेट हुआ था. हेल्पलाइन नंबर 6 में से चार बंद है. यह सभी राज्य में पहली बार हुआ है.
उन्होंने मुख्यमंत्री से इसके विज्ञापन भी जारी करने की मांग की है. वहीं कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार से रेल के बोगियों में कोविड अस्पताल बनाए जाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि केंद्र की ओर से लगातार मिल रहे राहत पैकेज के बाद भी सरकार कोरोना से निपटने को लेकर आधारभूत संरचना तैयार करने में विफल रही है.
केंद्र सरकार द्वारा सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए राज्य सरकार से भी राज्य के सभी स्कूलों की परीक्षाओं को रद्द किए जाने की मांग की है.
वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के गृह जिले स्थित दो दो मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों के बंद होने पर भी उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने पूछा, कि आखिर मेडिका और मेडिट्रीना अस्पताल को क्यों बंद किया गया है.