जाको राखे साइयां मार सके ना कोय यह कहावत चरितार्थ हुआ है बिहार के मधुबनी में जहां भारी बारिश के बीच झाड़ियों से एक नवजात की किलकारी से इलाके में सनसनी फैल गई. मामला मधुबनी जिले के राजनगर थाना क्षेत्र के गोसाईं टोला की है. जहां एक बार फिर मां की ममता शर्मसार हुई है. गांव में सड़क किनारे झाड़ी में किसी ने नवजात को फेंक दिया था. नवजात के रोने की आवाज सड़क से गुजर रहे लोगों ने सुना, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. झाडी के पास ही जिला पार्षद उदय कुमार का घर है. उन्होंने रोने की आवाज सुन कर झाडी में देखा तो कपडे से लिपटे बच्चे को देखा. उन्होंने तुरन्त बच्चे को उठाकर अपने परिवार के बीच ले गये. फिर राजनगर अस्पताल में बच्चे को ले गए जहां चिकित्स्कों ने तत्काल इलाज किया. गांव में लावारिश हालत में नवजात के मिलने की सूचना जंगल की आग की तरह फ़ैल गयी और सैकड़ों लोग देखने पहुँच गए. कई लोग बच्चे को अपनाने के लिए तैयार थे. तभी चाइल्ड लाइन को सूचना मिली, चाइल्ड लाइन की टीम पहुंचकर बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया. टीम ने बच्चे को मधुबनी बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया. चाइल्ड लाइन टीम ने बल कल्याण समिति के आदेश से नवजात को विशिष्ट दत्तक ग्रहण केन्द्र में आवासित कर दिया. विशिष्ट दत्तक ग्रहण केंद्र में कुल नौ मासूम बच्चे आवासित हैं और सरकारी प्रक्रिया के तहत निःसन्तान दम्पती को बच्चे गोद दिया जाता है.
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