गया (Pradeep Kumar Singh) बिहार के गया में बालू को लेकर बड़ा बवाल हुआ है. आक्रोशित लोगों द्वारा एक कार को फूंक दिया गया. वही झोपड़ी नुमा कार्यालय में आग लगा दी गई. पोकलेन मशीन को रोङेबाजी कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया है.
वही घटना की सूचना के बाद गया पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया. बता दे कि जिले के इमामगंज प्रखंड अंतर्गत कोठी थाना क्षेत्र के बेलवार गांव स्थित मोरहर नदी के क्लस्टर सेंटर 27 बालू घाट पर रविवार को कई गांव के आक्रोशित ग्रामीणों ने तीसरे दिन भी बालू उठाव को बंद करवाने के धरना पर बैठे थे.
प्रदर्शन के दौरान रानीगंज, चपरी, भंडार, गुदीया, किसुनी चक, लोधेया, विनैका सहित कई गांव के ग्रामीण खासकर महिलाएं तीसरे दिन भी नदी में बैठकर धरना देती रही. बालू घाट पर धरना पर बैठी महिलाओं को स्थानीय ठेकेदार और उनके कर्मियों के द्वारा सभी को भगाया जाने लगा, तभी महिलाएं भी उग्र हो गई और रोड़ेबाजी शुरू कर दी.
बताया जाता है कि घटना में उग्र महिलाओं ने आग लिया, जबकि महिलाओं का कहना है कि ऑफिस और कार्यलय में ठेकेदार के लोगों द्वारा ही आग लगा दिया गया और हम लोगों को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है.
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वहीं एसएसपी आशीष कुमार भारती ने बताया कि कोठी थाना क्षेत्र के बेलवार बालू घाट पर पथराव एवं आग लगाए जाने की घटना की जानकारी मिली है. मामले की छानबीन की जा रही है, जो भी आरोपित होंगे उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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आशीष भारती (एसएसपी- गया)
वहीं स्थानीय ग्रामीण भवानी सिंह ने बताया कि बेलवार बालू घाट पर नियम को ताक पर रखकर संवेदक के द्वारा पोकलेन मशीन से बालू का उठाव किया जा रहा है. जबकि इस घाट पर मजदूरों से बालू उठाव का प्रावधान हैं. इसी के विरोध में आसपास के सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण 3 दिन से धरना पर बैठे हुए थे. लेकिन आज संवेदक के गुर्गे आए और महिलाओं के साथ मारपीट करने लगे. खुद के ही झोपड़ी नुमा कार्यालय में आग लगा दी और ग्रामीणों पर ही प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. पूर्व में भी कई ग्रामीणों को ऊपर झूठा मुकदमा किया गया है. ताकि मनमाने तरीके से बालू का उठाव किया जा सके. उन्होंने कहा कि हम पुलिस पदाधिकारियों से मांग करते हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जो लोग भी दोषी हैं. उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए.
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भवानी सिंह (स्थानीय ग्रामीण)