गया (प्रदीप कुमार सिंह) धार्मिक नगरी गयाजी में इन दिनों विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है.जहां देश-विदेश से आने वाले पिंडदानी अपने पितरों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं. इसी क्रम में दूसरे राज्यों से आए पिंडदानियों ने शहर के ब्रह्मयोनि पहाड़ की तलहटी में स्थित स्मृति उद्यान में अपने पितरों के नाम पर पौधारोपण किया.
साथ ही उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. पर्यावरण संतुलन की दिशा में पिंडदानियों द्वारा यह अनोखा प्रयास किया गया है. जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है. इस कार्यक्रम का आयोजन ‘हमारा पेड़, हमारा पर्यावरण’ से जुड़े स्थानीय बुद्धिजीवियों के द्वारा किया गया है.
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वही उड़ीसा से आए पिंडदानी राम गोपाल खंडेलवाल ने कहा कि हम अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने के लिए गयाजी आए हुए हैं. उनका पिंडदान हमने पूरे विधि विधान के साथ किया है. वहीं स्थानीय लोगों के द्वारा यह जानकारी दी गई कि गया शहर के स्मृति उद्यान में पितरों के नाम पर पौधे लगाए जाते हैं. जिसके बाद हमने अपने पूरे परिवार के साथ यहां आकर अपने पितरों के नाम पर पौधारोपण किया है. इससे हमें काफी खुशी महसूस हो रही है. पिंडदान की प्रक्रिया तो होती ही है, लेकिन पितरों के नाम पर पौधा लगाकर काफी खुशी हुई है. इससे पर्यावरण की शुद्धि भी होगी और हमारे बाद जो बच्चे यहां आएंगे उन्हें भी प्रसन्नता होगी कि हमारे पितरों ने यहां पौधा लगाया है और उस वृक्ष को देखकर वे काफी प्रसन्न होंगे.
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राम गोपाल खंडेलवाल (उड़ीसा निवासी)
वही हैदराबाद से आए पिंडदानी गिरीश लाल ने कहा कि हम अपने माता- पिता का पिंडदान करने के लिए गयाजी आए हुए हैं. यहां पितरों के नाम पर पौधारोपण कर काफी अच्छा लगा है. हमारे बाद भी हमारे बाल-बच्चे हमें याद करेंगे. वे यहां आएंगे तो अपने पितरों के नाम पर लगे वृक्ष को देखकर काफी खुश होंगे. यह बहुत ही बड़ा कार्य हुआ है. यहां लगाए गए पौधों से लोगों को शुद्ध हवा मिलेगी. स्थानीय लोग स्मृति उद्यान बनाकर पितरों के नाम पर जो पौधे लगाने का कार्य कर रहे हैं, वह बहुत ही सराहनीय कदम है. यहां आकर काफी खुशी महसूस हुई है.
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गिरीश लाल (हैदराबाद निवासी)
वहीं स्थानीय निवासी अशोक कुमार ने बताया कि अहले सुबह ब्रह्मयोनि पहाड़ की तलहटी में मॉर्निंग वॉक के लिए हमलोग आना शुरू किए थे. इसके बाद पर्यावरण को संतुलन करने के लिए हमलोगों ने ‘हमारा पेड़, हमारा पर्यावरण’ नाम से यहां स्मृति उद्यान सहित अन्य कई उद्यान बनाए हैं. जहां लोग अपने जन्मदिन, शादी की सालगिरह सहित अन्य मौके पर एक पेड़ लगाने का कार्य करते हैं. वर्तमान समय में सैकड़ों की संख्या में पौधे लगाए जा चुके हैं. जिससे यहां का वातावरण हरा-भरा हो गया है. साथ ही लोगों को शुद्ध हवा मिल रही है. ऐसे में हमलोगों ने यहां स्मृति उद्यान भी बनाया है. जहां लोग अपने पितरों के नाम पर पेड़ लगाने का कार्य करते हैं.आज दूसरे राज्यों से आए तीर्थयात्रियों के द्वारा पितरों के नाम पर पौधा लगाया गया है. जिससे सभी लोगों में काफी खुशी है. इस तरह के कार्य से पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ लोगों को शुद्ध हवा भी मिलेगी. विगत कोरोना काल में कई लोग की अकाल मृत्यु हो गई. अगर पर्यावरण संतुलन रहेगा तो लोगों का जीवन भी बचेगा. इसी उद्देश्य के साथ यहां पौधरोपण का कार्य विगत कई वर्षों से चल रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा.
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अशोक कुमार, स्थानीय निवासी.