गया: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी विगत कई दिनों से अपने द्वारा दिए गए विवादित बयानों के कारण चर्चा में बने हुए हैं. कई दिनों से वे लगातार तरह- तरह के बयान दे रहे हैं. हालांकि उनके द्वारा ब्राह्मण समाज के ऊपर दिए गए टिप्पणी के कारण ब्राह्मण समाज के लोग आक्रोशित भी है. इन तमाम प्रकरणों पर विराम लगाते हुए जीतन राम मांझी ने बोधगया में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे द्वारा दिए गए बयानों के बावजूद हम एनडीए में ही बने रहेंगे. अगर एनडीए की सेहत पर कोई असर पड़ता है, तो एनडीए के मूर्धन्य नेता इस बारे में सोच सकते हैं. अगर वे इस संबंध में हम से वार्ता करेंगे तो हम वार्ता के लिए भी तैयार है. उन्होंने कहा, कि हम हर हालत में एनडीए में बने रहेंगे. हमने पहले भी कहा था, कि हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है और आगे भी रहेंगे.
मांझी ने कहा, कि एनडीए गठबंधन में रहकर ही हम उत्तरप्रदेश का चुनाव भी लड़ेंगे. इसके लिए एनडीए से संबंधित नेताओं की राय भी ली जाएगी. वही ब्राह्मण समाज के ऊपर दी गई टिप्पणी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने वैसे पूजा कराने वालों के ऊपर बयान दिया था, जो शराबखोर और मांसखोर हैं. ऐसे लोग शराब व मदिरा का सेवन करते हैं, और पूजा कराने को भी तैयार हो जाते हैं, लेकिन हमारे दलित समाज के लोगों के घर का ना तो खाना खाते हैं और ना ही पानी पीते हैं. उन्होंने कहा, कि ब्राह्मण समाज से हमारी कोई शिकायत नहीं है, बल्कि हम ब्राह्मण समाज का सम्मान करते हैं.
वहीं सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है. हम इसका स्वागत करते हैं. कम उम्र में लड़कियों की शादी होने की वजह से उनका शारारिक और शैक्षणिक विकास नहीं हो पाता था. ऐसे में शादी की उम्र सीमा बढ़ाए जाने से लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने में सहूलियत होगी. उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा, कि जब हम 17 वर्ष के थे, उसी समय में हमें बेटी हुई थी, तो निश्चित रूप से सरकार ने जो शादी की उम्र बढ़ाई है, वह काबिले तारीफ है. एक तरफ इससे जनसंख्या वृद्धि पर भी अंकुश लगेगा. वही लड़कियों को उच्च शिक्षा हासिल करने में सुविधा होगी.
जीतन राम मांझी ₹पूर्व मुख्यमंत्री- बिहार सरकार)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट