गया (Pradeep Kumar Singh) जिले के मानपुर प्रखंड के पटवा टोली में लगातार हो रही मोबाइल छिनतई की घटनाओं से लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है आए दिन दिनदहाड़े बाइक सवार अपराधी मोबाइल छिनतई की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. थाना में सूचना देने के बाद भी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है. अगर पुलिस जल्द ही मोबाइल छिनतई की घटनाओं को रोक लगाने और घटना में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार नहीं करती है, तो बाध्य होकर सड़क पर आंदोलन किया जाएगा.
गौरतलब है कि मानपुर प्रखंड के पटवा टोली में बुनकर समाज के लोग बड़े पैमाने पर कपड़ा उद्योग से जुड़े हुए हैं. पटवाटोली को मानपुर का मैनचेस्टर उद्योग कहा जाता है. बुनकर समाज द्वारा निर्माण किए गए कपड़ों की बिहार, झारखंड, बंगाल राज्य में काफी डिमांड है. बावजूद इसके पटवाटोली के आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों मोबाइल छिनतई की घटनाएं बढ़ती जा रही है. आए दिन अपराधी हथियार के बल पर मोबाइल व नगदी लूट की घटना को अंजाम दे रहे हैं.
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इस संबंध में समाजसेवी रवि कुमार उर्फ गुड्डू बरनवाल ने गया पुलिस प्रशासन से अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन जल्द अपराधिक घटना पर अंकुश नहीं लगाते हैं, तो पटवा मानपुर दुर्गास्थान के पास धरना पर बैठ जाएंगे. आम नागरिक के साथ पत्रकार का मोबाइल भी छीन लिया गया है. कई दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं की है. अगर पुलिस मोबाइल का इएमआई नंबर ट्रेस करे तो तुरंत पता लग सकता है कि मोबाइल कहां है? लेकिन पुलिस उदासीन बनी हुई है. जिस कारण अपराधियों के हौसले बढ़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर घटनाओं पर पुलिस रोक नहीं लगाती है, तो हम लोग आंदोलन को बाध्य होंगे.
बाईट
गुड्डू बरनवाल (समाजसेवी)
वही पटवा टोली निवासी पीड़ित राजू पटवा ने बताया कि रात्रि लगभग 9 बजे के आसपास घर लौट रहे थे. तभी अपराधियों ने रोककर मोबाइल छीन लिया. मोबाइल छीनने का विरोध किया तो मारपीट भी की. लगभग 5 और लोगों का भी मोबाइल छीना गया. इसकी सूचना पुलिस को दी गई, तो आधे घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद थाना में आवेदन भी दिया. लेकिन अभी तक चोरी गए मोबाइल का पता लगाने में पुलिस विफल है. घटना में शामिल अपराधियों को भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि आए दिन इस तरह की घटनाएं हो रही है. पुलिस गश्ती भी नही करती है. अगर पुलिस गश्ती करें तो घटनाओं पर रोक लग सकती है.
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राजू कुमार, पीड़ित.
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