गया/ Pradeep Ranjan नगर निगम के होल्डिंग टैक्स में बेतहाशा वृद्धि किए जाने के मसले पर नगर सरकार ने मीडिया के समक्ष अपनी सफाई दी है. स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि होल्डिंग टैक्स के मसले पर शहर की जनता को गुमराह किया जा रहा है. टैक्स में वृद्धि या फिर सड़कों का वर्गीकरण का काम कानून के तहत किया गया है.
उन्होंने कहा कि जिस कानून के तहत टैक्स और सड़कों का वर्गीकरण किया गया वह बिहार सरकार का है. नगर निगम या फिर निगम जनप्रतिनिधियों द्वारा बनाया कानून नहीं है. बिहार सरकार के मंत्री सह नगर विधायक को टैक्स से सम्बंधित कानून को लेकर संशय है तो वे सम्बन्धित कानून को बिहार सरकार में पैरवी कर निरस्त करा दें. इससे पूरे बिहार को लाभ होगा.
वही मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान ने कहा कि टैक्स वृद्धि में नगर सरकार की किसी प्रकार की कोई दखलंदाजी नहीं है. होल्डिंग टैक्स में वृद्धि 15 वर्ष बाद की गई है. सबसे बड़ी और खास बात यह है कि होल्डिंग टैक्स आवासीय भवनों के ऊपर एक रुपया भी नहीं बढ़ाया गया है. टैक्स की वृद्धि गैर आवासीय भवन जिनमें व्यवसायिक संस्थान चल रहे हैं, उनके ऊपर बढाया गया है. वह भी 15 वर्ष बाद. व्यवसायिक संस्थान के तहत होटल, मॉल, शो रूम, सरकारी और गैर सरकारी बैंक, नर्सिंग होम, गोदाम, रेस्टोरेंट, मैरिज हाल, निजी शिक्षण संस्थान, कोचिंग दुकानों आदि को सूचीबद्ध किया गया और उनके ऊपर होल्डिंग टैक्स में वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि समय के अनुसार नगर निगम टैक्स में वृद्धि नहीं करेगा तो वह स्वावलम्बी कैसे होगा. बावजूद इसके इस मसले पर निगम की बीती बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया था कि कैम्प लगा कर लोगों से आपत्ति मांगी जाएगी और उनकी आपत्ति पर गहनता से विचार करते हुए ठोस निर्णय अगली बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा. अगले माह के पहले सप्ताह में ही बोर्ड की बैठक होने जा रही है, जिसमें इस मसले पर मजबूत फैसला लिया जाएगा. उन्होंने जनता से अपील किया कि वे किसी के बहकावे में आकर गुमराह न हों. नगर निगम शहर के विकास को लेकर पूरी तरह से कटिबद्ध है.