गया (Pradeep Kumar Singh) नगर प्रखंड चंदौती के कोसडीहरा गांव के ग्रामीणों ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की है. ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी जमीनों को देने से इनकार कर दिया है. इस दौरान ग्रामीणों ने बैनर व तख्तियां लेकर जोरदार प्रदर्शन किया.
मौके पर मौजूद कोसडीहरा गांव निवासी राजेश सिंह ने कहा कि वर्ष 2012 में कोसडीहरा गांव में प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान भवन निर्माण के लिए 40 एकड़ 38 डिसमिल जमीन की अधिसूचना जारी की गई थी. जिसमे 50 किसानों की भूमि को अधिग्रहण किया जा रहा है. जिसमे से 10 एकड़ 34 डिसमिल भूमि को अधिग्रहण कर शेष भूमि को वापस कर दिया गया है. जिसका मामला हाईकोर्ट में चल रही है. इसके बाबजूद 2022 में फिर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है.
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राजेश सिंह (ग्रामीण)
ग्रामीणों ने बताया की जिले के प्रशासनिक अधिकारी बिना उचित मुआवजा दिए हीं जमीन को अधिग्रहण करने की कोशिश कर रहे है. जो सरासर गलत है. हमलोग उचित मुआवजा मिलने पर ही अपनी भूमि सरकार को देंगे. चुकी कई छोटे किसान भी है, जो अपनी बेटी की शादी करने के लिए जमीन को बचाकर रखा है. ऐसे में अगर सरकार बिना उचित मुआवजा दिए जमीन को जबरन अधिग्रहण करती है तो छोटे किसान कहां जाएंगे ? अगर उचित मुआवजा दिए बिना सरकार जमीन अधिग्रहण करती है तो आंदोलन कर जान दे देंगे.
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वही कोसडीहरा गांव के किसान शैलेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2012 में सरकार ने आवासीय भूमि के तहत जमीन अधिग्रहण करने की बात कही थी. जिस पर हम सभी लोग तैयार भी हो गए थे. लेकिन वर्ष 2016 तक कुछ भी नहीं किया गया. इसके बाद अब वर्ष 2022 में उसी पुराने रेट में जमीन अधिग्रहण करने की बात कर रहे हैं. जब हमलोग नए रेट के हिसाब से जमीन देने की बात करते हैं, तो अधिकारी साफ इंकार कर रहे हैं. इतना ही नहीं अधिकारी धमकी देते हैं कि अगर जमीन अधिग्रहण करने में दखलंदाजी की गई तो मुकदमा कर जेल भेज देंगे. यह कहीं से सही नहीं है. हमलोग सिर्फ अपनी जमीनों का उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. अगर ऐसा नहीं होगा तो हम लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
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शैलेंद्र सिंह (कोसडीहरा गांव निवासी)
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