गया (Pradeep Kumar Singh) बिहार के छपरा जिले में शराब से हुई मौतों के मामले पर भाजपा द्वारा विधानसभा में लगातार हंगामा किया जा रहा है. इसे लेकर गया के जदयू जिलाध्यक्ष अभय कुशवाहा ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में लोकतांत्रिक तरीके से बात रखने की व्यवस्था है. चाहे पक्ष हो या विपक्ष, सभी को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए.
लेकिन भाजपा के लोग शराबबंदी के मुद्दे पर लगातार हो- हल्ला और हंगामा कर रहे हैं. यह कहीं से भी सही नहीं है. ऐसा लगता है कि विधानसभा में हंगामा करना भाजपा की नीति बन चुकी है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में भाजपा विपक्ष में थी, उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा शराबबंदी कानून लागू किया गया. तब भाजपा के लोगों ने शराबबंदी का विरोध किया था.
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इसके बाद वर्ष 2017 में भाजपा जदयू के साथ आ गई. उस समय सभी लोगों ने शराबबंदी पर अपनी सहमति जताई थी और खुलकर शराबबंदी कानून का समर्थन किया था. लेकिन अब यही लोग शराबबंदी पर तरह-तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. सभी जगह भाजपा के लोग यही प्रचार कर रहे है कि शराबबंदी से कोई फायदा नहीं है. आज तक उन लोगों ने शराबबंदी के मामले पर लोगों को दिग्भ्रमित करने का कार्य किया है. अगर शराबबंदी से कहीं कोई समस्या है, तो उन्हें खुलकर बात रखनी चाहिए. साथ ही परामर्श देना चाहिए कि इसमें और कैसे सुधार हो सकता है ? लेकिन ये लोग शराबबंदी के नाम पर सिर्फ भ्रम फैलाने का कार्य करते हैं. कभी भी भाजपा के लोगों ने शराबबंदी को सफल बनाने को लेकर ना तो लोगों को जागरूक किया और ना ही अपनी कोई सही राय दी. सिर्फ शराबबंदी फेल है और इससे नुकसान है. इस तरह की दिग्भ्रमित करने वाली बातें बोलते रहते हैं. किसी भी खुले मंच से शराबबंदी कैसे सफल हो ? इस पर किसी तरह की बात नहीं कही गई. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार शराब से होने वाले नुकसान के बारे में कहते रहे हैं. छपरा में हुई मौत को लेकर विधानसभा में हंगामा करना भाजपा की नियति बन गई है. अगर इस तरह की घटना हुई है तो इसकी पुनरावृत्ति ना हो, इससे संबंधित राय भाजपा के लोगों को देनी चाहिए.
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अभय कुशवाहा (जिलाध्यक्ष- जदयू गया)