गया (Pradeep Kumar Singh) हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सह प्रवक्ता इंजीनियर नंदलाल मांझी ने आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार से अलग होकर झारखंड सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाया है. वहां के युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सराहनीय पहल की है.
उन्होंने आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 77 पर्सेंट किया है. जिससे आदिवासी, अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ मिला है. वैसी ही हिम्मत बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करनी चाहिए.
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नीतीश कुमार दलितों, पिछड़ों, गरीबों के नेता माने जाते हैं. स्वयं लालू प्रसाद यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव गरीबों के हितैषी हैं. इन्हें भी बढ़-चढ़कर इसमें हिम्मत दिखानी चाहिए. पूरे बिहार के गरीब- गुरबा उनके साथ है. आरक्षण का बंधन होने की वजह से समुचित लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है. हाल में सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उसमें गरीबों की आरक्षण की बात कही गई है. उस फैसले का हमारी पार्टी स्वागत करती है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सर्वप्रथम दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव लाकर गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने की बात कही थी, जो कि आज देश में लागू है. हम पार्टी और हमारे नेता जीतन राम मांझी अंबेडकर और लोहिया को मानने वाले हैं. हमलोग कर्पूरी ठाकुर के भी अनुयाई हैं. जिसकी जितनी संख्या भारी, मिले उसको उसकी उतना हिस्सेदारी, इसी तर्ज पर हमलोग आरक्षण के दायरे को बढ़ाने की मांग करते हैं. जब तक आरक्षण का दायरा 50 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ेगा, तब तक गरीबों को उसका लाभ नहीं मिल पाएगा. गरीबों, दलितों, पिछड़ा अल्पसंख्यकों को भी सम्मान पूर्वक जीने का हक और अधिकार है. उनको भी समाज के मुख्यधारा में जोड़ने की जरूरत है. इसीलिए बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मांग करते हैं कि झारखंड की तरह कदम आगे बढ़ाते हुए बिहार में भी आरक्षण का दायरा 50 से बढ़ाकर 77% किया जाए. ताकि गरीब को भी इसका समुचित लाभ मिल सके और कर्पूरी ठाकुर एवं लोहिया के सपनो को साकार किया जा सके .
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इं. नंदलाल मांझी (प्रवक्ता- हम)
Reporter for Industrial Area Adityapur