गया: राजस्थान औषधालय, मुम्बई द्वारा गया कोरोना काल में बेहतर सेवा देने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह बोधगया के एक निजी होटल के प्रांगण में संपन्न हुआ। जिसमें जिले के 45 से अधिक आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को सम्मानित किया गया।
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कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जयदेव सिंह ने कहा कि आरएपीएल ग्रुप मुम्बई ने आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का सम्मान कर नई ऊर्जा दी हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा जिस तरह से जिले में कोरोना काल के दौरान सेवा की गई, उसी का परिणाम हैं, कि राजस्थान औषधालय ने उन्हें सम्मान से नवाजा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान चिकित्सकों ने अपनी जान की बाजी लगाकर मानवीय सेवा कर साबित किया कि एक चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप होता हैं। आयुर्वेदिक औषधियां कोरोना के दौरान कारगर साबित हो रही थी, उस समय आयुर्वेद के डॉक्टर्स के उपर भी बड़ी जिम्मेवारियां आई, जिसका गया जिले के चिकित्सकों ने सामना किया। उसी मेहनत को समझते हुए राजस्थान औषधालय ने सम्मानित कर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को दिशा दी है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पद्धति में गंभीर से गंभीर रोगों का भी इलाज है। इसलिए आयुर्वेद पद्धति का चिकित्सीय सेवा लेना उचित है।
डॉ. जगदेव प्रसाद (वरिष्ठ चिकित्सक)
वही डॉ. रिता वर्मा, डॉ. सुधा कुमारी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद पद्धति को अपनाकर ही कोरोना को हराया जा सकता हैं,ल। कोविड-19 से लड़ने के लिए आयुर्वेद नई-नई खोज कर दवाई तैयार कर रहा हैं। उन्होंने सम्मानित हुए सभी चिकित्सकों को बधाई देते हुए कहा कि जिस तरह आरएपीएल ग्रुप ने गया जिले के डॉक्टर्स को सम्मानित कर हौसला बढ़ाया हैं
उसी प्रकार से थर्ड कोरोना की वेब में पूरी निष्ठा और लगन से गया जिले के डॉक्टर्स आमजन की सेवा करेंगे।
वही कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. मृत्युंजय कुमार ने बताया कि डॉक्टर्स सम्मान समारोह में कोविड गाईडलाईन की पालना करते हुए जिल भर के अनेक डॉक्टर्स शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद चिकित्सकों ने अपनी जान की परवाह किये बिना लोगों का इलाज किया। इसके लिए आज जो सम्मान दिया गया है। वह काबिले तारीफ है। इससे चिकित्सकों की हौसला अफजाई होती है। उन्होंने कहा कि भारत देश की जनसंख्या पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर आती है। बावजूद इसके मेडिकल लाइन में जितना ग्रोथ होना चाहिए उतना नहीं है। कोरोना काल में आयुर्वेद पद्ति अपनाते हुए जिन लोगों ने काढ़ा का उपयोग किया, उन्हें काफी फायदा हुआ। कोरोना से होने वाली मृत्यु दर में भी काफी कमी आई थी।
डॉ. मृत्युंजय कुमार (आयुर्वेद चिकित्सक)
कार्यक्रम में डॉ. ममता कुमारी, डॉ. मनोज कुमार शर्मा, डॉ. चन्द्रतारा यादव, डॉ. केडी नारायण, डॉ. अजय कुमार, डॉ. अरविन्द कुमार, डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. शिफा फातिमा, कॉर्डिनेटर आरती गुप्ता, जेडएसएम अमरेन्द्र कुमार, कमल कुमार सहित जिले भर के अनेक आयुर्वेदिक चिकित्सक सहित शहर के गणमान्यजन उपस्थित थे।
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट