गम्हरिया/ Bipin Varshney आए दिन ट्रेनों की लेटलतीफी से तंग आकर शुक्रवार को चक्रधरपुर- टाटा मेमो पैसेंजर के यात्रियों ने सरायकेला के गम्हरिया थाना अंतर्गत यशपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास रेल रोक दी. जिसके कारण हावड़ा- मुंबई रेल मार्ग 3 घंटे तक बाधित रहा. इस दौरान भारी संख्या में ट्रेन से उतरकर यात्री रेलवे इंजन के सामने जमा हो गए और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया.
यात्रियों का कहना था कि चक्रधरपुर- टाटा मेमो पैसेंजर चक्रधरपुर, राजखरसावां, सीनी गम्हरिया जैसे दर्जनों स्टेशन से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए आवागमन का एक अहम साधन है. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मजदूर ट्रेन से आकर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित विभिन्न कंपनियों में काम करते हैं, लेकिन प्रतिदिन ट्रेन की लेटलतीफी के कारण मजदूर समय पर अपने औद्योगिक प्रतिष्ठान नहीं पहुंच पाते हैं. जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है और उस दिन उन्हें कार्य करने का अवसर नहीं दिया जाता है.
आए दिन ट्रेन लेट रहती है और मजदूरों को अपनी मजदूरी से हाथ धोना पड़ता है. यात्रियों के मुताबिक कई बार इसकी शिकायत रेलवे के बड़े अधिकारियों से की गई और ट्रेन को समय पर चलाने की मांग की गई, लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी. शुक्रवार को भी चक्रधरपुर से खुलने के बाद ट्रेन जगह- जगह रुकते हुए आ रही थी, जिससे ट्रेन काफी लेट हो चुकी थी. जैसे ही ट्रेन सीनी- गम्हरिया रेलखंड पर स्थित यशपुर फाटक के पास पहुंची, ट्रेन एक बार फिर से वहां खड़ी हो गई. इससे पहले से ही आक्रोशित यात्रियों का आक्रोश फूट पड़ा और एक साथ सभी यात्री ट्रेन से उतरकर इंजन के सामने जमा हो गए.
इससे उक्त रेल मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया. बाद में इसकी सूचना पाकर रेलवे के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और यात्रियों से वार्ता कर उन्हें भरोसा दिलाया कि ट्रेन को समय पर चलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे. काफी मान मनौव्वल के बाद यात्रियों का गुस्सा शांत हुआ जिसके बाद पुनः उक्त रेल मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन जारी हुआ. यह एक चिंतनीय विषय यह है कि प्रतिदिन लेटलतीफी के कारण यात्रियों को हो रही असुविधा पर आंखें मूंद रखने वाले रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने तब तक ध्यान नहीं दिया जब तक लोग पटरी पर ना बैठ गए. अगर जन आंदोलन के बाद ही शिकायतों का निवारण होना है तो यह भविष्य के लिए शुभ संकेत कतई नहीं हो सकता.