गम्हरिया: प्रखंड के लोगों को गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कांड्रा की निजी कंपनी अमलगम स्टील के साथ जिला प्रशासन द्वारा एमओयू करने का दावा खोखला साबित हो रहा है. यही वजह है कि अमलगम कंपनी कर्मियों को छोड़कर आम मरीजों के जिंदगी के साथ इस अस्पताल में खिलवाड़ किया जा रहा है.
बिजली गुल रहने की स्थिति को देख अस्पताल में वर्षों पहले जेनरेटर स्थापित किया गया था. विडंबना है कि बिजली गुल होने पर यहां गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी समेत अन्य मरीजों का इलाज मोमबत्ती की लाइट के सहारे किया जाता है. अस्पताल में स्थापित जेनरेटर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, जबकि उसी बिल्डिंग में अमलगम कंपनी का लाइट जगमगाती है. इसे लेकर कई बार मरीजों के परिजनों ने हंगामा भी किया लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
बता दें कि पिछले वर्ष मंत्री चंपई सोरेन एवं जिले के तत्कालीन डीसी अरवा राजकमल और सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को एमओयू के तहत अमलगम स्टील कंपनी के हवाले कर दिया था. अमलगम स्टील कंपनी ने अस्पताल परिसर में बेहतर मशीनरी लगाने और मणिपाल अस्पताल के साथ तालमेल कर विशेषज्ञ डाक्टरों की सेवा देने के साथ साथ अल्ट्रासाउंड, एक्सरे और एमआरआई की सुविधा उपलब्ध कराने का वायदा किया था, लेकिन कंपनी प्रबंधन का यह दावा फिसड्डी साबित हुई.
वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ प्रमिला ने बताया कि वायरिंग आदि नहीं होने के कारण अभी तक जेनरेटर को दुरुस्त नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि ओपीडी में सरकारी डाक्टर के साथ कंपनी के डाक्टर भी सेवा देते हैं.