देश की सबसे भरोसेमंद बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. रायपुर के महासमुंद के एक प्रीमियम पॉइंट में अप्रैल 2020 से लेकर दिसंबर 2021 तक (20 महीने) सैकड़ों उपभोक्ताओं से बतौर प्रीमियम लाखों रुपए लेकर फर्जी रसीदें जारी की गईं. इसका पता चलते ही प्रीमियम पॉइन्ट बंद कर दिया गया. यह प्रीमियम पॉइंट एलआईसी के जिले के विकास अधिकारी धमेंद्र महोबिया के नाम पर है, जिन्होंने प्रीमियम पॉइंट पर एलआईसी के एजेंट उमेश निर्मलकर को बैठा रखा था. इस खुलासे के बाद धर्मेंद्र ने उमेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है, तब से उमेश फरार है. 50 फर्जी रसीद के साथ शिकायत में साढ़े सात लाख रुपए की गड़बड़ी का जिक्र है. जांच का दायरा बढ़ते ही यह राशि करोड़ों में पहुंच सकती है. एफआईआर में दर्ज बयानों और पड़ताल में सामने आया, कि डीओ धर्मेंद्र महोबिया ने प्रीमियम पाइंट उमेश के भरोसे छोड़ रखा था. एजेंट और उपभोक्ता यहां पहुंचते तो उमेश उनसे पैसा ले लेता, कभी सर्वर डाउन और कभी अन्य कारणों से कहता, कि रसीद बाद में ले लेना. बाद में जो रसीद देता, वह फर्जी होती. दरअसल, फोटोशॉप की मदद से रसीद में रजिस्ट्रेशन नंबर, डेट, नेक्स्ट प्रीमियम डेट को चेंज कर देता था.
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