सरायकेला- खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत ऊरांव टोला की 60 वर्षीय दुखियारी महिला सोनमनी देवी लगभग 10 वर्षों से अपने पति दुखू साहू से अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रही है. मगर आज तक महिला का इंसाफ नहीं मिला है.
बता दें कि सोनमनी देवी दुखु साहू की पहली पत्नी है. जिससे दुखू साहू ने 40 वर्ष पहले (1981) में प्रेम विवाह किया था. जिससे उसके परिवार के सदस्य नाखुश थे. जिस कारण उसे ऊरांव टोला में ही एक घर खरीद कर रहना पड़ा. इसी बीच दुखू साहू की सरकारी नौकरी लग गई. दुखू सरायकेला में रहने लगा. जहां जहां उसका संबंध किसी दूसरी महिला के साथ हो गया. जहां दुखू ने दूसरी महिला से शादी रचा ली, जिसे घरवालों ने अपना लिया. तब से आज तक उसकी पहली पत्नी पति वियोग में तड़प रही है, जबकि पहली पत्नी से पांच बच्चे हैं, जिसमे तीन लड़कियां और दो लड़के है. बेटियों की शादी हो गई है. इतना ही नहीं बड़ा बेटा भी शादी करके जमशेदपुर में बस गया है. अब दुखियारी सोनमनी के साथ केवल उसका छोटा बेटा विजय कुमार रहता है, जो अपनी मां को उनका हक दिलाने के लिए सरकारी कार्यालय और प्रशासन का चक्कर काट रहा है. लेकिन अब तक विजय कुमार की मां को उनका हक नही मिला. और अब उनके पिता दुखू साहू सेवानिवृत भी हो चुके हैं. लेकिन पहली पत्नी को जो हक मिलना चाहिए था, नही मिला. वहीं पहली पत्नी सोनमनी देवी ने मांग की है, कि उनका हक और पति दुखू साहू को मिलने वाले पेंशन में आधा हिस्सा मिले, जो उनका हक है.
राजनगर से रासबिहारी मंडल की रिपोर्ट
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