झारखंड पुलिस पर अक्सर संवेदनहीनता के आरोप लगते रहे हैं. हाल के दिनों में उपराजधानी दुमका पुलिस पर भी कई आरोप लगे. इन सबको दरकिनार करते हुए दुमका पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की है.
जहां पिछले 5 दिनों से लावारिस पड़े शव को न केवल कंधा दिया, बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कराया. मामला जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के धनबाद गांव का है. जहां मनसा राय नामक व्यक्ति ने 5 दिन पूर्व फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. घर में कोई अन्य सदस्य नहीं होने के कारण ग्रामीण शव का दाह- संस्कार नहीं करने दे रहे थे. मृतक से दो छोटी बहने थीं जो शव का दाह संस्कार कर पाने में अक्षम थीं, दो बड़ी बहनों की शादी यूपी में हुई थी. उन्होंने कहा था कि उनके आने के बाद ही शव का दाह संस्कार कराई जाए. दोनों बहने आई जरूर मगर ग्रामीणों ने कोई मदद नहीं की.
अंततः दुमका सदर एसडीपीओ नूर मुस्तफा एवं शिकारीपाड़ा इंस्पेक्टर ने फैसला लिया कि वे मृतक के शव को कंधा देंगे और अंतिम संस्कार कराएंगे. दोनों अधिकारियों ने जवानों के सहयोग से मनसा राय के शव को 4 किलोमीटर दूर स्थित श्मशान घाट पहुंचाया और अंतिम संस्कार कराया. एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने बताया कि ग्रामीणों ने इसमें कोई सहयोग नहीं किया. दरअसल ग्रामीणों की नजर मृतक के संपत्ति पर थी जिसपर पुलिस ने पानी फेर दिया.
Reporter for Industrial Area Adityapur