दुमका (Mohit Kumar) हजारीबाग की एक 15 वर्षीय किशोरी अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने के लिए इंटरसिटी ट्रेन से दुमका रेलवे स्टेशन पहुंच गयी पर उसका दोस्त उससे मिलने नहीं आया. किशोरी को अकेली देखकर आरपीएफ ने उससे पूछताछ की और फिर उसे चाइल्ड लाइन दुमका को सौंप दिया.
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मंगलवार की रात इस किशोरी को समिति ने बालिका गृह में आवासित कर दिया. बुधवार को चाइल्डलाइन दुमका की टीम मेंबर शांतिलता हेम्ब्रम ने किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जबकि हजारीबाग से आये उसके चाचा भी समिति के समक्ष उपस्थित हुए. चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी बिजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस मामले की सुनवायी की। किशोरी ने अपने बयान में बताया कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है और मां ने दूसरी शादी कर ली है. वह अपने चाचा के घर में रहती है. उसने मैट्रिक तक पढ़ाई की है. वह 20 फरवरी को घर से 500 रुपये लेकर निकली. वह बस से रांची और फिर इंटरसिटी ट्रेन से दुमका आ गयी जहां उसे अपने दोस्त से मिलना था जो दो माह से उसके संपर्क में था. पर उसका दोस्त दुमका रेलवे स्टेशन पर नहीं मिला. वह उससे शादी करना चाहती है पर सहेली के मोबाइल पर कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात होने के बावजूद वह उससे मिलने नहीं आया. वह उसके घर का पता भी नहीं जानती थी. उसने कहा कि वह अपने चाचा के साथ घर वापस जाना चाहती है. वह दोबारा घर से नहीं भागेगी और 18 वर्ष होने के बाद ही शादी करेगी. सीसीएल में काम करनेवाले उसके चाचा ने अपने बयान में बताया कि 21 फरवरी की सुबह उन्हें किशोरी के गायब होने के बारे में पता चला. खोजबीन की तो मालुम हुआ कि वह दुमका में मिली है. वह रात में ही गाड़ी लेकर दुमका के लिए रवाना हो गये. वह किशोरी को अपने साथ ले जाएंगे और उसे अच्छी तरह से रखेंगे. साथ ही उसका नामांकन इंटरमिडिएट में करवा देंगे.
समिति ने किशोरी को उसके चांचा को सौंपते हुए हजारीबाग के बाल कल्याण समिति के समक्ष सात दिनों के अंदर किशोरी को प्रस्तुत करने का आदेश पारित करते हुए किशोरी को उसके घर भेज दिया.
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