गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने खगड़िया के रहने वाले कुमारबाग में सेल के स्टील प्लांट में कार्यरत चंद्रशेखर पासवान (45) को कोरोना से मृत बता मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया है.
कोरोना से मौत पर मिलने वाले मुआवजे के लिए कोविड पोर्टल पर उनका डिटेल्स डाल दिया गया है. जबकि चंद्रशेखर पासवान जीवित हैं. वे अपने परिवार के साथ छावनी में रह रहे हैं. इस मामले में डीएम कुंदन कुमार ने जीएमसीएच के प्राचार्य, अधीक्षक, उपाधीक्षक, व मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष को पत्र जारी कर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
मामला यह है कि चंद्रशेखर पासवान कोरोना पॉजिटिव हुए थे. उन्हें लेकर उनकी पत्नी जीएमसीएच गयी थी. लेकिन वहां से वे लोग वापस घर लौट गए. बाद में जीएमसीएच प्रशासन ने 10 मई को उनकी मौत कोविड वार्ड होने की जिक्र कर मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया. मुआवजे के लिए कोविड पोर्टल पर डिटेल्स अपलोड कर दिया. डीएम के आदेश के बाद हुई जांच में मामले का खुलासा हुआ. हालांकि जीएमसीएच प्रशासन इसे भूल करार दे रहा है. जिला आपदा प्रबंधन शाखा ने चंद्रशेखर पासवान के नाम पर 29 मई को कोविड पोर्टल पर मुआवजा के लिए हुए पंजीकरण के आधार पर सत्यापन की जिम्मेवारी बेतिया सीओ को सौंपी. सीओ ने चंद्रशेखर पासवान के चिकित्सा दस्तावेजों में दर्ज मोबाइल नंबर पर फोन किया. फोन रिसीव हुआ तो सीओ ने कहा- आप कोरोना से मृत चंद्रशेखर पासवान के आश्रित बोल रहे हैं. उधर से आवाज आयी कि मैं चंद्रशेखर पासवान ही बोल रहा हूं. मेरी मौत नहीं हुई है, मैं अभी जिंदा हूं. यह बात सुनते ही सीओ ने चन्द्रशेखर पासवान से जानकारी ली. उन्होंने बताया कि वे कोविड पॉजिटिव हुए थे. जीएमसीएच गए लेकिन, यहां कि व्यवस्था देख उनकी पत्नी ने कहा कि आप घर पर होम क्वारंटाइन में रहिए. घर पर ही उनका इलाज हुआ. 14 दिन बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गयी. इस खुलासे के बाद सीओ ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी. चन्द्रशेखर पासवान को बुलाकर वरीय अधिकारियों ने भी उनका सत्यापन किया. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने जीएमसीएच के अधिकारियों को पत्र भेज पूछा है, कि बिना जांच किए ही मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत हुआ है, जो कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही है. यह गंभीर मामला है. इस संबंध में जांच कर दोषी पाए गए कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई करें.
चन्द्रशेखर पासवान नाम के दो मरीज जीएमसीएच में इलाजरत थे. जिसमें से एक पूर्वी चंपारण जिला के रहने वाले थे. गलती से उनकी जगह बेतिया के छावनी निवासी चंद्रशेखर पासवान के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत हो गया था.
डॉ. श्रीकांत दुबे (अस्पतालल उपाधीक्षक- जीएमसीएच)