चतरा: झारखंड के चतरा पुलिस- प्रशासन ने अफीम तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब दो सौ एकड़ भूमि पर लगे अफीम की फसल को नष्ट कर अफीम कारोबारियों को बड़ी चोट दी है.
डीसी अंजली यादव एवं एसपी राकेश रंजन के संयुक्त नेतृत्व में पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने वन विभाग के सहयोग से लगातार अफीम विनष्टीकरण अभियान चलाने में जुटी है. हरदिन जिले में करीब 50 एकड़ से अधिक भूमि पर लगाए गए अवैध अफीम की फसल को नष्ट कर प्रशासन तस्करों और उत्पादकों को आर्थिक चोट देने में जुटा है. जिसका असर भी दिखने लगा है.
एसडीपीओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में चतरा पुलिस प्रशासन और वन विभाग की संयुक्त टीम ने जिले के हंटरगंज और राजपुर वन क्षेत्र में स्पेशल ड्राइव चलाया. इस दौरान करीब 70 एकड़ में लगे अफीम की फसल को ट्रैक्टर और जेसीबी के माध्यम से विनष्ट किया गया. एसपी की मानें तो विगत एक सप्ताह के भीतर करीब चार सौ एकड़ में लगे अवैध नशे की खेती को नष्ट किया जा चुका है.
अभियान को लेकर पुलिस, सीआरपीएफ, प्रखंड प्रशासन के अलावे वन विभाग की संयुक्त टीम लगातार जंगली और सुदूरवर्ती इलाकों में कैंप कर रही है. जंगलों के बीचो- बीच तस्करों के सेफ जोन वाले इलाकों में स्थाई कैंप स्थापित किया गया है. जबतक चतरा से पूरी तरह अफीम की खेती का सफाया नहीं हो जाता, तबतक अभियान जारी रहेगा. एसपी ने बताया कि अफीम जोन के रूप में अपना पहचान बना चुके चतरा को नई पहचान देने के प्रति जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह कृत संकल्पित है. उन्होंने बताया कि अफीम तस्करों और उत्पादकों के विरूद्ध पुलिस का अभियान निरंतर जारी रहेगा. किसी भी परिस्थिति में तस्करों और उत्पादकों को युवा पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. गौरतलब है कि डीसी, एसपी और सीआरपीएफ कमांडेंट के अलावा वन प्रमंडल पदाधिकारी भी स्वयं लगातार जंगली इलाकों का दौरा कर चलाए जा रहे अफीम विनष्टीकरण अभियान की मानिटरिंग कर रहे हैं.
साथ ही जवानों में ऊर्जा का संचार करते हुए अफीम के काले कारोबार तो पूरी तरह नेस्तनाबूद करने को लेकर प्रोत्साहित भी कर रहे हैं. जिससे न सिर्फ तस्करों व उत्पादकों की आर्थिक कमर टूटी है, बल्कि उनके मनोबल पर भी लगातार करारा प्रहार हो रहा है.
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