चांडिल स्थित बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड (बीएसआईएल) कारखाना को पुनः चालू करने की संभावनाओं पर ग्रहण लगता सा महसूस हो रहा है. कहीं यह कंपनी शुरू होने से पहले ही बंद न हो जाये. बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड (बीएसआईएल) को चलाने के लिए अधिकृत संचालनकर्ता वनराज स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड (वीएसपीएल) ने हाल ही में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 350 लोगों को नौकरी देकर रोजगार के अवसर प्रदान किये थे. चांडिल क्षेत्र के विकास व ग्रामीणों के उत्थान के लिए दृढ़संकल्पित वीएसपीएल कंपनी ने ग्रामीणों के परस्पर सहयोग से यहां उत्पादन शुरू कर विकास का बीड़ा उठाया है. इसी क्रम में बीएसआईएल रेलवे साइडिंग में कंपनी की रेक आने वाली है. परन्तु कुछ तत्व मासूम ग्रामीणों का फायदा उठाकर अपने निजी लाभ के लिए रेलमार्ग बाधित कर कंपनी के उत्पादन को नुकसान पहुँचा रहे हैं. हालांकि कंपनी ने रेक सफाई का काम व ढुलाई का काम ग्राम समिति के माध्यम से ही कराने की बात कही गयी है.
एक ग्रामीण ने नाम नहीं छापे जाने की शर्त पर कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे का ‘मास्टरमाइंड’ कोई और है. ग्रामीण तो केवल मुखौटा मात्र हैं. ‘मास्टर माइंड’ कौन है यह जांच का विषय है.
कंपनी प्रबंधन ने यह भी कहा कि ठेका लेने के लिए कंपनी पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है तथा झूठे एससी एसटी मुकदमे में फसाने की धमकी भी दी जा रही है. इससे पूर्व भी कंपनी के दो अधिकारियों के विरुद्ध ये स्वार्थी तत्व झूठा केस कर चुके हैं.
एक तरफ जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में बंद कारखानों को खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं, वही बंद कारखाने खुलने के कगार पर होकर भी कुछ इन्ही कारणों से नहीं खुल पा रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का को बदनाम करने की साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि, कुछ वक्त पूर्व एक कार्यक्रम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि झारखंड में क्षमता की कमी नहीं है, कमी है तो सिर्फ चेतना की, सभी में चेतना आ जाये, तो राज्य को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है.