चांडिल: झिमड़ी में पिछले दिनों हुए हिंसक झड़प के बाद एसडीपो ने झिमड़ी गांव के आसपास बीएनएस की धारा 163 (पूर्व में 144) के तहत निषेधाज्ञा लगाया था. इधर सोमवार को गलत जानकारी देकर ऑल इंडिया माइनॉरिटी वेलफेयर फ्रंट के सदस्यों ने बाबर खान के नेतृत्व में झिमड़ी गांव पहुंचकर प्रभावित लोगों से मुलाकात कर घटना की निंदा की थी.


इतना ही नहीं उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर बजावते पोस्ट कर उनका बयान भी चलाया है. जिसके बाद प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए नीमडीह बीडीओ के आवेदन पर नीमडीह थाने में निषेधाज्ञा उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है. इसमें बाबर खान के अलावा 20- 22 लोगों का नाम शामिल है.
क्या था पोस्ट में
आज दिनांक 28/4/2025 को ऑल इंडिया माइनॉरिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय महासचिव बाबर खान के नेतृत्व मे नीमडीह थाना क्षेत्र के झिमड़ी गांव जाकर मिला. जिसमें मुख रूप से प्रदेश प्रवक्त सरफराज हुसैन, सचिव तहसीन हाश्मी, मोहम्मद अफ़रोज़ सुल्तान अहमद, गुलज़ार वारसी, मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद आजम, इरशाद अली, मोहम्मद नौशाद शामिल थे. बाबर खान ने कहा कि इस तरह की घटना निंदनीय है. जो एक साज़िश के तहत की गई है इतनी बड़ी आबादी में केवल 4 मुस्लिम परिवार रहता है. झिमड़ी गांव को अच्छे करोबारी में नाम लिया जाता है. शरारती तत्वों को बहुत दिनों से यह खल रहा था और किस तरह इस मुस्लिम परिवार को झिमड़ी गांव से पलायन करवाया जाए. पलायन के उद्देश्य से घटना को अंजाम दिया गया है और आपसी भाईचारा खत्म करने का काम किया गया है. जो पुलिस के कैमरा में कैद है. वैसे शरणार्थियों एवं दंगाईयों को पुलिस अविलंब गिरफ्तार करें. फ्रंट ये मांग करती है. पीड़ित लोगों को सरकार सुरक्षा दे. और 50/ 50 लाख रुपए का मुआवजा दे झारखंड सरकार से मांग करती है. सरफराज हुसैन ने कहा बहुत ही शर्मसार करने वाली घटना घटी है. यदि समाज का कोई एक आदमी गलती करता है तो उसकी सजा पूरे समुदाय या पूरे परिवार को नहीं दी जा सकती. ज़िला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर दोषियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई करें.
देखें पोस्ट
स्थानीय लोगों ने किया विरोध
सोशल मीडिया पर बाबर खान द्वारा झिमड़ी गांव में बैठक करने एवं मुस्लिम पक्ष में बयान देने का वीडियो देखने के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों ने विरोध जताना शुरू कर दिया था. ग्रामीणों का कहना है कि जब प्रशासन की ओर से झिमड़ी गांव में धारा 163 लागू है तो फिर बाबर खान और अन्य लोगों ने भीड़ लगाकर बैठक कैसे की, और उन्हें किसने अनुमति दी.
क्या कहा बाबर खान ने
झिमड़ी गांव में बैठक के सवाल पर बाबर खान ने कहा कि वे झिमड़ी गांव नहीं गए थे न ही किसी तरह की सभा या बैठक की है. वे सिंदूरपुर गांव गए थे और एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. मगर जिस तरह की घटना झिमड़ी गांव में हुई है वह गलत है. प्रभावित मुस्लिम परिवार को प्रशासन द्वारा मदद नहीं की गई जो गलत है.
