चांडिल: अति का अंत होना जरूरी है और यह प्रकृति का नियम भी है. लेकिन चांडिल बाजार में दिन रात चल रही ओवरलोड कोयला ढुलाई कब बंद होगी ? दिन भर उड़ने वाली कोयले की धूल से लोगों को कब राहत मिलेगी ? बीते कुछ सालों से चांडिल स्टेशन रैक पर कोयला अनलोडिंग का काम चल रहा है. यहां पर मालगाड़ी ट्रेनों से कोयले आते हैं जो हाइवा वाहनों में लोड होकर क्षेत्र के विभिन्न कंपनियों को जाती हैं.
चांडिल स्टेशन रैक पर कोयला लोडिंग कर सभी हाइवा वाहन चांडिल बाजार होकर गुजरती हैं. इस दौरान वाहनों से बड़े- बड़े कोयले के टुकड़े चांडिल बाजार के मेन रोड पर गिरते हैं, जिसके कारण दिनभर कोयले की धूल उड़ती हैं, जिससे लोग काफी परेशान हैं. कोयले की धूल के कारण दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. खाने- पीने की चीजें खराब हो रहीं है. वहीं, अन्य सभी तरह के दुकानदारों को नुकसान हो रहा है. कारोबार ठप पड़ गया है.
कोयले की धूल से परेशान होकर अंततः चांडिल बाजार के दुकानदारों एवं सामाजिक लोगों ने एकजुटता दिखाई और सड़क पर उतर आए.
बताया जाता है कि ओवरलोड कोयला ढुलाई के कारण ही चांडिल के मेन रोड पर बड़े- बड़े कोयले के टुकड़े गिरते हैं, जिससे धूल उड़ती हैं. वहीं, कोयला ढुलाई के संचालक भी लोगों की परेशानी पर ध्यान नहीं देते हैं. यहां तक कि स्थानीय प्रशासन भी अपने चेहरे पर कोयले की कालिख पोत चुके हैं. रविवार सुबह ओवरलोड कोयला ढुलाई और उड़ती धूल से परेशान चांडिल वासियों ने विरोध प्रदर्शन किया. दुकानदारों ने विरोध में सुबह से दुकानों को बंद रखा. करीब चार घंटे दुकानों को बंद रखने के बाद खोला गया. इस दौरान स्वतंत्रता दिवस की मार्केटिंग के लिए पहुंचे हुए ग्रामीणों को काफी परेशानी भी हुई, हजारों लोग दुकानों को बंद देख अपने घर चले गए.
इस दौरान दुकानों को बंद करके सभी लोग झाड़ू लेकर सड़क पर उतरे. वहीं, सांकेतिक विरोध के तहत सड़क पर झाड़ू लगाया. बता दें कि धूल से परेशान चांडिल वासियों ने कल ही दुकानों को बंद रखने का आह्वान किया था. चांडिल नगर व्यवसायी समिति के अध्यक्ष सह झामुमो नेता नितेश वर्मा ने कहा कि कोयला ढुलाई से हमें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन ओवरलोड कोयला ढुलाई के कारण सड़क पर दिन- रात धूल उड़ती हैं. जिसके चलते दुकानदारी ठप पड़ गया है. ग्राहक चांडिल बाजार आने के बजाय अन्य बाजारों में जा रहे हैं. वर्मा ने कहा कि धूल से परेशान सभी दुकानदारों ने अपने दुकानों को बंद रखा और सांकेतिक विरोध कर सड़क पर झाड़ू लगाया. यदि दुकानदारों को राहत नहीं मिली तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.