चाईबासा: जिले के मनोहरपुर प्रखंड के घाघरा में रेल टेका आंदोलन का एक साल हो गया जिसमें कुड़मी समाज के हज़ारों महिला- पुरुषों ने भाग लिया था. आंदोलन के एक दिन बाद 21 सितंबर 2023 के ही दिन कुड़मी आंदोलन के इतिहास का वो काला दिन जिस दिन ढीपा गांव से सोए हुए अवस्था में युवा समाजसेवी अमित महतो के साथ 19 निर्दोष लोगों को प्रसाशन द्वारा 70 दिनों तक जेल में रखा गया था और 40 अन्य पर एफआईआर दर्ज किया गया था.
समाज के लोगों का दावा है कि सभी समाज के लोग निर्दोष हैं और राज्य सरकार को यह केस निरस्त कर देना चाहिए. अभी यह केस न्यायालय में लंबित हैं. शनिवार को रेल टेका आंदोलन में जेल गए, एफआईआर हुए और रेल टेका, घाघरा आंदोलन के आयोजनकर्ता टीम और समाज के सभी सदस्यों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि युवा आंदोलनकारी अमित महतो ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झामुमो सरकार ने साजिश के तहत निर्दोषो को जेल भेजने का काम किया था. समाज आज रेल टेका आंदोलन के बाद बहुत मजबूत हुआ हैं और आने वाले समय में समाज को और एकजुट किया जाएगा. महतो ने कहा कुड़मी आंदोलन के इतिहास में 21 सितंबर हमेशा याद किया जाएगा. समाजसेवी ध्रुव महतो, समाज के युवा मनोहरपुर प्रखंड अध्यक्ष श्री रूपलाल महतो ने कुङमाली भाषा को बचाने, नेगाचारी और सामाजिक एकता का कायम रखने को बल दिया. युवा समाजसेवी राहुल महतो ने कहा कि झामुमो सरकार में समाज का चौतरफा शोषण हो रहा हैं. सभी गावों से आए युवाओं को एकता का परिचय देते हुए फुटबॉल और जर्सी का वितरण किया गया . मौके पर मनोज हिन्दयार, जितेंद्र महतो, भानु महतो, रूपन महतो, जगबंधु महतो, निर्मल महतो, एकादशी महतो, हरिचरण महतो, अनादि महतो, विनय महतो, राहुल महतो, आदि सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए.