GAYA बिहार के गया जिले के टनकुप्पा प्रखंड का इलाका काफी पिछड़ा माना जाता है. सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ यहां सबसे बड़ी समस्या रेलवे लाइन के ऊपर ओवरब्रिज नहीं होना है. जिसके कारण इस प्रखंड के 5 पंचायत प्रखंड मुख्यालय से बुरी तरह कटे हुए हैं.
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हालांकि ओवर ब्रिज को लेकर इलाके में लंबे समय से जन आंदोलन होते रहे हैं, लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है. ओवरब्रिज निर्माण संघर्ष समिति से जुड़े नारायण मांझी इस बार यहां से जिला परिषद के लिए नामांकन किया है. साथ ही इसी टनकुप्पा प्रखंड के क्षेत्र संख्या 39 से जिला परिषद के उम्मीदवार के रूप में गजेंद्र प्रताप सिंह ने भी नामांकन का पर्चा दाखिल किया है.
ये सभी युवा उम्मीदवार है. इनके वायदों पर गौर करें तो जीतने के बाद ये शिक्षा, लघु उद्योग, सिंचाई और स्वास्थ्य की समस्याओं को दूर करने की बात करते हैं. साथ ही इस पिछड़े इलाके में विकास करने की बात करते हैं. देखना यह है कि मतदाता इनके वायदों पर कितना भरोसा करते हैं.
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वही नगर प्रखंड चंदौती अंतर्गत कुजापी पंचायत से मुखिया पद के लिए नामांकन किए अजीत कुमार जनता से लेकर भगवान तक का आशीर्वाद ले रहे हैं. एक तरफ जनता के पैर पड़ रहे हैं तो वहीं मंदिर में जाकर भगवान के समक्ष भी हाथ जोड़कर आशीर्वाद ले रहे हैं.
उनका कहना है कि आज तक जिनको भी मौका मिला, उन लोगों को जितना काम करना चाहिए, उतना काम नहीं किया. इस क्षेत्र से हम पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं और हार चुके हैं, लेकिन हार जीत कोई मायने नहीं रखती. जनता की सेवा और सरकार की योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिले, यही हमारा प्रयास होगा.
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अजीत कुमार (मुखिया प्रत्याशी, कुजापी पंचायत)
नारायण मांझी (जिला परिषद उम्मीदवार)
गजेंद्र प्रताप सिंह (जिला परिषद उम्मीदवार)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट
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