गया: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आठवें चरण के तहत गया जिले के अति उग्रवाद प्रभावित डुमरिया व इमामगंज प्रखंड में वोटिंग की प्रक्रिया जारी है। नक्सलियों द्वारा किए गए तीन दिवसीय बंद के आह्वान के बावजूद नक्सल प्रभावित सभी संवेदनशील बूथों पर बंपर वोटिंग हो रही है। पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी लंबी कतारों में लगी हुई हैं और अपने मतों का प्रयोग कर रही हैं। नक्सल क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। स्थानीय पुलिस के साथ-साथ अर्द्ध सैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। पूरे इलाकों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से अभेद दुर्ग के रूप में तब्दील कर दिया गया है। विशेष परिस्थिति से निपटने को लेकर सेना के हेलीकॉप्टर और ड्रोन की भी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा व्यवस्था ऐसी कि परिंदा भी पर न मार सके।
दोनों प्रखंडों के कुल 3116 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो रहा है। इसके लिए कुल 377 मतदान केन्द्र बनाए गए है। सुरक्षा को देखते हुए डुमरिया प्रखंड के 25 एवं इमामगंज प्रखंड के 15 मतदान केंद्र को दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया है। दोनों प्रखंडों के 28 पंचायतों में कुल 2 लाख 10 हजार मतदाता है। जो अपने मतों का प्रयोग कर रहे हैं।
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वही उग्रवाद प्रभावित डुमरिया प्रखंड के छकरबंधा पंचायत के मध्य विद्यालय बरहा पर मतदान करने आए युवक संतोष कुमार ने बताया कि नक्सलियों द्वारा आए दिन बंद की घोषणा की जाती है। बंद को देखते हुए वाहनों का आवागमन ठप है। बावजूद इसके वोट करने आए हैं। बंद कोई मायने नहीं रखता। क्षेत्र का विकास हो, इसी सोच के साथ वोट करने आए हैं। जो प्रतिनिधि क्षेत्र में नली, गली, सड़क एवं जनता के हित का कार्य करेंगे, हम उन्हें ही जनप्रतिनिधि के रूप में चुनेगें।
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संतोष कुमार (स्थानीय मतदाता)
वही बरहा गांव निवासी मीना देवी ने बताया कि नक्सलियों के बंद का असर क्षेत्र में है। लेकिन फिर भी हम वोट देने आए हैं। क्षेत्र का विकास हो, इसी सोच के साथ मतदान कर रहे हैं। जो हमारे क्षेत्र का विकास करेंगे और जनता के लिए अच्छा कार्य करेंगे, हम उन्हें ही अपना नेता चुनेंगे।
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मीना देवी (महिला मतदाता)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट