बिहार के बक्सर में झूम बराबर झूम शराबी गाने की तर्ज पर शहर की सड़कों पर झूमते लोग नजर आये तो समझ लीजिये यूपी से सटे बक्सर शहर की सड़कों पर आप मौजूद हैं.
जी हां हम इसलिए कह रहे है, कि शुक्रवार करीब शाम 4 से 5 के आसपास बक्सर शहर में एक ऐसा नजारा दिखा. जहां नगर थाना के करीब ही स्टेशन रोड पर, नगर परिषद बक्सर का सफाई कर्मचारी में शराबबंदी की पोल खोलता नजर आया. तस्वीर देखकर आप भी समझ जाएंगे,
कि धरातल पर शराबबंदी की सच्चाई क्या है. इस कर्मी को न तो अपनी परवाह है, और ना ही पुलिस का डर. सफाई कर्मी को देखकर बिहार के मुख्यमंत्री का शराबबंदी का ड्रीम एजेंडा बक्सर शहर के लिए मात्र खाना पूर्ति हैं. कर्मी सड़क पर घण्टो नौटंकी करता रहा, जिसका वीडियो किसी ने बना कर वायरल कर दिया
. सूचना पर सक्रिय हुई नगर थाना की पुलिस ने मेडिकल कराने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. वहीं दूसरी तस्वीर नगर थाने के ही शिवपुरी की है, जहां शराब में धुत नशे में गिरा व्यक्ति का वीडियो पत्रकार द्वारा बना लिया गया. इसका भी वीडियो मौजूद है. इस तरह की तस्वीर से साफ जाहिर होता है, कि शराबबंदी धरातल पर कितनी है. जब वीडियो की पड़ताल में हम सदर अस्पताल पहुंचे, वहां जाने पर मामले की पुष्टि ऑन ड्यूटी डॉक्टर अमलेश कुमार ने की. उन्होंने बताया, कि मेडिकल जांच के दौरान आया व्यक्ति बुरी तरह नशे की हालत में था. डॉक्टर की माने तो जिले के अलग- अलग थाना इलाके से आज- कल हर रोज पुलिस टीम शराब जांच के लिये कई शराबियों को लेकर आते ही रहते हैं. बताते चलें कि मुख्यमंत्री के शराब बन्दी को ले कर समीक्षा बैठक के करीब 24 घण्टे पूर्व बक्सर पुलिस ने उत्तर प्रदेश से आने वाले वीर कुंवर सिंह सेतु पर महज 3 घंटे के स्पेशल जांच के दौरान करीब 100 से अधिक शराबियों को पकड़ा, मगर सदर अस्पताल में जांच न करा कर नगर थाने में ही जांच के बाद महज 64 शराबियों का शराब में पुष्टि होने का लिस्ट जारी हुआ था. शराब पीने की पुष्टि के बाद सभी को जेल भेज दिया गया. उस जांच के बाद इस तरह की जांच जिले के वीर कुंवर सिंह सेतू या उत्तर प्रदेश से प्रवेश करने वाले चौसा देवल पुल पर नहीं हो रहा है. अगर इस तरह लगातार जांच होती तो शराबबंदी धरातल पर दिखती नजर आ सकती है. वहीं पिछले दो दिनों पूर्व जहां नगर परिषद के ही एक सफाई कर्मी की अत्यधिक शराब पीने से मौत होने की अफवाह उड़ी थी, जिसका पोस्टमार्टम नहीं कराया गया. आनन- फानन में उसे नगर थानाध्यक्ष की मौजूदगी में बिना पोस्टमार्टम कराए ही दाह संस्कार करवा दिया गया. जिसका वीडियो श्मशान घाट तक हमारे पास मौजूद है. वहीं, शुक्रवार को एक बार फिर नगर परिषद के सफाई एनजीओ के एक कर्मी ने शराब के नशे में धुत होकर नगर थाने के महज कुछ दूरी पर घंटो नौटंकी की. जिसे मेडिकल के बाद पुलिस ने जेल भेज दिया. लोगों ने दबी जुबान से 2 दिन पूर्व सफाई कर्मी के मौत होने पर लोगों ने बताया कि अत्यधिक शराब पीने के कारण मौत हुई थी, जिसका बिना पोस्टमार्टम कराए दाह संस्कार करवा दिया गया. जिसकी चर्चा शहर में जोरों पर है.