औरंगाबाद (दीनानाथ मौआर) आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी बिहार के औरंगाबाद जिले में एक ऐसा गांव है जहां आज तक पक्की सड़क नहीं बनी. कच्ची एवं ऊबड़ खाबड़ रास्ते पर चलने को ग्रामीण मजबूर हैं. सरकारी अमला प्रदेश और जिले में विकास की गाथा सुनाने से नहीं थक रहे. वहीं औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड अंतर्गत दक्षिणी उमगा पंचायत के अंबावर तरी गांव के ग्रामीण एक अदद अच्छी सड़क को तरस रहे हैं.
ग्रामीण शासन- प्रशासन जन प्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की गुहार लगाते- लगाते थक चुके हैं. यहां के लोग पक्की सड़कों के अभाव में कीचड़ में चलने को मजबूर हैं. इसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर है. स्थानीय पंचायत समिति प्रतिनिधि व जाप नेता विजय कुमार उर्फ गोलू यादव ने अपने निजी राशि से कच्ची सड़क पर मिट्टी भराई का कार्य करवा रहे हैं, हालांकि इस समस्या से केवल ग्रामीणों को ही नहीं बल्कि स्कूली बच्चों को भी काफ़ी परेशानी उठानी पड़ती हैं.
पक्की सड़कों के अभाव में गांव में कोई वाहन नहीं आता है. इसके चलते ग्रामीणों को गांव से दो किलोमीटर दूर रोड तक पैदल आना पड़ता है. पंचायत समिति प्रतिनिधि व जाप नेता विजय कुमार उर्फ गोलू यादव ने कहा कि अंबावर तरी गांव में आजादी के बाद से अब तक पक्की सड़क का निर्माण कार्य नहीं किया है. ऐसे में ग्रामीणों की समस्या को लेकर हमने अपने निजी राशि से सड़क पर मिट्टी वर्क करवाया, ताकि ग्रामीणों को आने जाने की सुविधा हो. वहीं आगे भी हमारी कोशिश होगी कि पक्की सड़क का भी निर्माण करवाया जाए.