गया: बिहार के गया जिले के नक्सल प्रभावित इमामगंज-शेरघाटी मुख्य मार्ग स्थित गुरिया गांव में नक्सलियों ने पोस्टर लगाकर अपनी उपस्थिति का एहसास कराया है
. इस हरकत से गांव के लोग दहशत में हैं. ग्रामीणों को इस बात का डर है कि कोई हिंसात्मक कार्रवाई नक्सली ना कर बैठे.
पाप
हालांकि जानकारी मिलने के बाद पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. साथ ही नक्सली पर्चा की जांच कर रही है. पर्चा को लेकर सीआरपीएफ के जवान भी उक्त क्षेत्र में सर्च अभियान चला रहे हैं.
नक्सलियों द्वारा छोड़े गए पर्चे में आरोप लगाया गया है कि अर्द्ध सैनिक बल और जिला पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ दिखाकर हमारे 4 कामरेड की हत्या की है. पुलिस ने अमरेश, सीता, शिवपूजन और उदय की हत्या की है. मुठभेड़ की घटना किसी के साथ नहीं हुई है. जबकि, उनकी विभत्स हत्या की गई है.
गौरतलब है कि इन चारों नक्सलियों की बीते दिनों मुठभेड़ की घटना में मारे जाने की पुलिस ने पुष्टि की थी. इसके बाद से नक्सली संगठन इस बात के प्रचार-प्रचार में जुटे हैं कि उनके साथियों को मुठभेड़ में नहीं, बल्कि धोखे में लेकर हत्या की गई है. पर्चा भाकपा (माओवादी) मध्य जोनल कमेटी की ओर से छोड़ा गया है.
वही इस मामले पर इमामगंज डीएसपी अजीत कुमार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है. पर्चा वास्तव में नक्सलियों द्वारा ही छोड़ा गया है या फिर इसके पीछे किसी गिरोह का हाथ है, इसका पता लगाया जा रहा है. अक्सर यह देखा गया है कि नक्सली संगठनों के नाम पर विभिन्न आपराधिक गिरोह द्वारा इस तरह की हरकत की जाती है, ताकि क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाकर दोहन कर सके.
गया से प्रदीप कुमार की रिपोर्ट
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