बिग बॉस ओटीटी की कंटेस्टेंट रहीं उर्फी जावेद सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं. शो में एक हफ्ता बिताने के बाद उर्फी एलिमिनेट हो गईं. अब उर्फी ने एक इंटरव्यू में अपने निजी जीवन के बारे में बात की है.
उन्होंने बताया कि कैसे उनकी तस्वीरें एडल्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई थीं और उनके परिवार ने उन्हें इस मुश्किल घड़ी में बिल्कुल सपोर्ट नहीं किया था. उर्फी का कहना है कि उनके साथ विक्टिम ब्लेमिंग की गई थी और लोग समझते थे कि वह एक पोर्न स्टार हैं और सीक्रेटली काम करती हैं. उर्फी जावेद ने यह भी कहा कि इस घटना के बाद उनके पिता ने शारीरिक और मानसिक रूप से उन्हें प्रताड़ित भी किया था. साथ ही उनके रिश्तेदारों ने उनके बैंक अकाउंट की जांच भी करवाई थी, क्योंकि वह छुपे हुए पैसे मिलने की उम्मीद कर रहे थे. आरजे सिद्धार्थ कन्नन के साथ बातचीत में उर्फी ने कहा, ‘मैं कॉलेज में भी नहीं थी, मैं ग्यारहवीं क्लास में थी. यह मेरे लिए मुश्किल था क्योंकि मेरे परिवार ने मुझे सपोर्ट नहीं किया था.’ उर्फी ने आगे कहा, ‘मेरे परिवार ने मुझपर इल्जाम लगाया, मुझे विक्टिम ब्लेम किया गया. मेरे रिश्तेदारों ने तो मुझे पोर्न स्टार ही बुलाने लगे. वह मेरा अकाउंट चेक करना चाहते थे कि कहीं उसमें करोड़ों रुपये ना निकलें. मेरे पिता शारीरिक और मानसिक रूप से अब्यूसिव थे और वह टार्चर दो साल तक चला. उर्फी ने बताया, कि उस समय लोगों की बातों का बुरा असर उनके ऊपर हुआ था. उन्होंने कहा, ‘मैं अपना ही नाम भूल गई थी, लोगों ने मुझे इतनी भद्दी बातें कही थीं. जो मेरे साथ हुआ वैसा किसी लड़की के साथ नहीं होना चाहिए.’ उर्फी के मुताबिक इस घटना के बाद उन्हें समझ आया था कि उनके पास अपनी आवाज है. उन्होंने कहा, ‘जब मेरे पिता ने मुझपर मेरे ही साथ हुई बातों का इल्जाम लगाया, तब भी मेरे पास कुछ कहना का अधिकार नहीं था. मैं बस उस टार्चर में जी सकती थी. मुझे हमेशा से यही कहा गया है कि लड़कियों केे पास बोलने का हक नहीं है, सिर्फ मर्द ही निर्णय ले सकते हैं.’उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं पता था कि मेरे पास भी आवाज है. जब मैंने अपना घर छोड़ा तो मुझे बहुत ज्यादा समय सिर्फ सर्वाइव करने में लगा था. अब मेरी पर्सनालिटी बाहर आ रही है और मैं नहीं रोकूंगी.’ 2020 के एक इंटरव्यू में उर्फी जावेद ने बताया था कि जब वह अपने घर से भागीं तो क्या हुआ था. उन्होंने कहा था, ‘मैं अपनी दो बहनों के साथ घर से भाग गई थी. मेरी मां और दो बहन-भाई को मैंने पीछे छोड़ दिया था. मैं एक हफ्ते तक दिल्ली के एक पार्क में रही थी.’ उर्फी जावेद ने आगे कहा, ‘फिर हम तीनों ने नौकरियां ढूंढना शुरू किया. मुझे भगवान की दया से एक कॉल सेंटर में काम मिला था. फिर मेरे पिता ने दूसरी शादी कर ली और पूरे परिवार की जिम्मेदारी हम तीनों बहनों के सिर आ गई.’
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