देश के बैंकों को घाटे से उबारने को लेकर केंद्र सरकार इसी शीतकालीन सत्र में बैंकिंग एमएनमेंट बिल लाने जा रही है. इसको लेकर देशभर के बैंकिंग यूनियन ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आगामी 16 और 17 दिसंबर को आहूत देशव्यापी बैंक हड़ताल को सफल बनाने के साथ बैंक यूनिनय एक छत के नीचे आकर केंद्र सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. शनिवार को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले सभी बैंक संगठनों ने एकजुट होकर केंद्र सरकार से बैंकिंग अमेंडमेंट बिल को खारिज करने की चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि अगर केंद्र सरकार इस प्रस्तावित बिल को खारिज नहीं करती है, तो अनिश्चित काल के लिए देश भर के बैकों में हड़ताल कर दिया जाएगा. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की ओर से बताया गया, कि देश का कोई भी बैंक घाटे में नहीं है. केंद्र सरकार साजिश के तहत बैंकों को घाटे में दिखाकर बैंकिंग प्रणाली को निजी हाथों में देना चाह रही है. बताया गया, कि बड़े डिफॉल्टरों को लाभ देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार इस बिल को लाना चाह रही है, जिसे बैंक यूनियन किसी कीमत पर पूरा होने नहीं देगी.
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बताया गया कि देशभर के बैंकों का 2020- 21 का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 1.20 लाख करोड़ है. फिर किस आधार पर केंद्र सरकार दावा कर रही है कि देश के बैंक घाटे में है.