औरंगाबाद (Dinanath Mauar) कभी लाल आतंक के लिए कुख्यात बिहार के औरंगाबाद जिले का मदनपुर प्रखंड इन दिनों फूलों की खुशबू से दमक रहा है. ऐसा कर दिखाया है मदनपुर प्रखंड के महुआवां पंचायत निवासी अरविंद मालाकार ने.
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कभी रोजगार के लिए दर- दर की ठोकरें खानेवाले अरविंद मालाकार आज इलाके के लोगों के लिए नजीर बने हुए हैं. विषम परिस्थिति में अरविंद ने गेंदा फूल की खेती शुरू की. इस खेती से अरविंद को इतने रूपये आने लगे कि मन गदगद हो गया, हालांकि, शुरुआती दौर में गुजारे लायक आमदनी हुई तो उन्होंने खेती का रकबा बढ़ाया. इससे पैदावार में इजाफा होने के साथ आमदनी भी बढ़ गई.
अरविंद को देखकर गांव के अन्य किसानों का भी रुझान अब परंपरागत फसलों के बजाय फूलों की खेती की ओर बढ़ने लगा है. आलम यह है कि अरविंद के खेतों में लहलहाते फूलों की बाजारों में भारी मांग है. यह मांग लगातार बढ़ती ही जा जा रही है. अरविंद आर्थिक रूप से लगातार मजबूत हो रहे हैं. एक समय ऐसा भी था जब अरविंद ने सरकारी मदद की आस लगा रखी थी.
इस आस में कोशिश भी की पर मदद नहीं मिलने पर कर्ज लेकर गेंदा फूल की खेती शुरू की. दशहरा, दीपावली जैसे त्योहारों और शादियों के मौके पर फूलों की बंपर बिक्री से अच्छी बचत होने लगी. आज अरविंद के बनाए मार्ग पर गांव के किसान चल पड़े हैं. यही वजह है कि लालगढ़ के नाम से कुख्यात मदनपुर आज फूलों की खुशबू से महक रहा है.
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