औरंगाबाद/ Dinanath Mouar देश के न्यायालयों में बढ़ते दबाव और जजों की कमी से लंबित केसों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है. बिहार के औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय का भी बुरा हाल है. जहां जजों के अभाव में हजारों मामले लंबित हैं. हर दिन इसकी संख्या बढ़ते जा रहे हैं.
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि एकमात्र परिवार न्यायालय समेत कई एडीजे कोर्ट कई माह से वेकेंट है. जिसमें आज की तारीख में व्यस्ततम कोर्ट परिवार न्यायालय 03 जनवरी 2023 से वेंकट है.
जिसमें लगभग 1500 पारिवारिक मामले है, जिसमें दोनों पक्षकारो को तिथि पर मायूसी हाथ लग रही है. वहीं कोरोना काल में व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में 15 एडीजे कोर्ट थे अब मात्र 09 एडीजे है. जिसमें 04 स्पेशल कोर्ट के जज है और एक एडीजे सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव है, एडीजे की कमी के कारण कई एडीजे कोर्ट वेकेंट है. एडीजे 15 कोर्ट में भी एक हजार से अधिक ट्रायल से सम्बंधित वाद लम्बित है.
अधिवक्ता ने आगे बताया कि व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में कोर्ट भवन की संख्या बढ़ाई गई मगर जजों की संख्या नहीं बढ़ाई गई. हाईकोर्ट पटना व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में बढ़ती वादों के संख्या देखते हुए एडीजे की संख्या बढ़ाए ताकि लम्बित मामलों की सुनवाई में तेजी लायी जा सकें.
Reporter for Industrial Area Adityapur